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20 प्रश्नों को ढाई घंटे के भीतर उत्तर पुस्तिका पर हल करना होगा
आपको बता दें कि, प्रश्न पत्रिका में दिये जाने वाले 10 प्रश्न 3 अंकों के होंगे, जबकि 10 प्रश्न 4 अंकों के होंगे। वहीं, टाइम टेबल के अनुसार, गणित विषय का पेपर इस बार आखिरी में होगा। बता दें कि, माध्यमिक शिक्षा मंडल में होने वाले इस बदलाव की जानकारी शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया द्वारा दी गई है।
भाेपाल में होगी ओएमआर शीट की जांच
दरअसल, पिछले दिनों विश्वभर के साथ-साथ प्रदेश में रहे कोरोना के प्रकोप के चलते स्कूलों की शिक्षा का संचालन व्यवस्थित तौर पर नहीं हो सका, जिसके चलते बोर्ड द्वारा इस शेक्षणिक सत्र के लिये कोर्स में 30 फीसदी की कटौती करते हुए सिर्फ 70 फीसदी पाठ्यक्रम पर आधारित परीक्षा लेने का फैसला लिया है। इसलिए इस बार 30 सवालों को ओएमआर शीट पर टिक लगाकर छात्रों को हल करने होंगे। इन ओएमआर शीट्स की जांच भोपाल में होगी।
जल्द घोषित होगा टाइम टेबल
वहीं, इस बार छात्रों द्वारा उत्तीरण की जाने वाली कापियां भी पिछले सालों की तरह अन्य जिलों को नहीं भेजी जाएंगी। सभी विषयों के लिए प्रश्न बैंक फरवरी में माशिमं द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किये जाएंगे। प्रश्न बैंक में हर विषय के लिए 500 से ज्यादा प्रश्न रहेंगे। इस बार इसी बैंक से परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे। अगर परीक्षार्थी इस प्रश्न बैंक को ही ठीक से पढ़ लेगा तो उसे परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता मिल सकेगी आपको बता दें कि, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 30 अप्रैल से शुरू होकर मई के तीसरे सप्ताह तक पूरी होंगी वहीं, जल्द ही बोर्ड द्वारा परीक्षा का टाइम टेबल भी घोषित किया जाएगा।
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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के समारोह में शामिल हुए थे जुलानिया
इंदौर के एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका में आयोजित एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने कहा कि, शिक्षा और सरकार का काम निजी स्कूल संचालक कर रहे हैं। प्रदेश के बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में अगर मॉडल स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो निजी स्कूलों का रिजल्ट सरकारी से बेहतर रहा है। प्रदेशभर के छात्रों की संख्या में से एक तिहाई छात्र निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इसके चलते अब आगामी दिनों में निजी स्कूलों के शिक्षकों की भागीदारी पेपर सेटिंग और नीति में भी बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। मान्यता व अन्य मामलों में कागजी कामों को भी कम किया जा रहा है। अब छात्रों की पढ़ाई का मीडियम और विषय परिवर्तन के लिए भी निजी स्कूलों की बोर्ड पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी। इसी दौरान जुलानिया ने परीक्षा पेटर्न से संबंधित जाकारी भी दी।
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