गुरुवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने क्रेडाई और नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के सदस्यों के साथ कॉलोनी सेल की बैठक ली। उसमें प्रमुख रूप से अपर कलेक्टर गौरव बैनल, क्रेडाई के गोपाल गोयल, संजीव श्रीवास्तव व अरुण जैन तो काउंसिल से विवेक दम्मानी सहित कई लोग मौजूद थे। चर्चा के दौरान गोयल और श्रीवास्तव ने काॅलोनी विकास की अनुमति और कार्यपूर्णता के प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल करने की बात कही। उनका कहना था कि कार्यपूर्णता से पहले ईडब्ल्यूएस की रजिस्ट्री मांगी जाती है, उसके लिए हमें समय दिया जाए। इसके अलावा कॉलोनी विकास की अनुमति के आवेदन को भी सरल करने की बात कही।
चर्चा के दौरान कलेक्टर सिंह ने कहा, कॉलोनी विकास की अनुमति के आवेदन में पहले सड़क, पानी और सीवरेज की जानकारी देना होगी। देखने में आ रहा है कि दूर दराज में कॉलोनी बना दी जाती है, जिसमें पहुंचने का मार्ग नहीं है। पानी की व्यवस्था नहीं है तो सीवरेज खुले में छोड़ा जा रहा है। अब पहुंच मार्ग बताया जाए, सीवरेज की क्या व्यवस्था रहेगी और पानी की उपलब्धता कैसे होगी। इसके बाद आवेदन स्वीकार किया जाएगा।
काॅलोनी अच्छी बन जाती है, लेकिन ये व्यवस्थाएं नहीं होती हैं तो रहवासी हमारे यहां और विधायक के यहां चक्कर लगाते हैं। पहले बताएंगे कमी कलेक्टर सिंह ने अनुमति में देरी को लेकर व्यवस्था में सुधार की बात कही। उन्होंने कहा, दस्तावेजों की कमी के कारण देरी होती है। अब आवेदन करने के बाद जांच करेंगे और उसकी कमी की सूची बनाकर दी जाएगी। बकायदा आवेदक के हस्ताक्षर कराए जाएंगे। उन कमियों को जल्द से जल्द आपको पूरा करना है। ऑनलाइन साॅफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जिससे आवेदन किए जाएंगे। फाइल के मूवमेंट पर सभी की नजर रहेगी।
दी जाएगी रियायत बैठक में कार्यपूर्णता के प्रमाण पत्र से पहले ईडब्ल्यूएस की रजिस्ट्रियां मांगी जाती हैं। इसको लेकर क्रेडाई सदस्यों ने समय की रियायत मांगी थी। इस पर कलेक्टर सिंह ने राहत दे दी। उन्होंने कहा, वे नाम की सूची और शपथ पत्र दे दें। हम अनुमति जारी कर देंगे। कुछ बदलाव हो तो बता दें। शपथ पत्र पूरा नहीं होगा तो अनुमति को निरस्त कर दिया जाएगा। इस पर सभी राजी हो गए।