वहीं अब इस मामले में स्टेट बार काउंसिल भी प्राचार्या के समर्थन में आ गई है। जिसके बाद काउंसिल की ओर से ये फैसला लिया गया है कि इस मामले आरोपी की पैरवी को कोई भी वकील नहीं करेगा। यानि आशुतोष श्रीवास्तव का केस अब वकील नहीं लड़ेंगे। ज्ञात हो प्राचार्या को जलाने के मामले में आशुतोष श्रीवास्तव आरोपी है। इससे पहले आरोपी की लगातार पैरवी आरोपी के वकील की और की जा रही थी, लेकिन अब स्टेट बार काउंसिल ने ये फैसला लिया है कि आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव के केस को वकील नहीं लड़ेंगे। यह बात भी सामने आ रही है कि इस संबंध में स्टेट बार काउंसिल ने जिला अभिभाषक संघ को पत्र लिखा है।
बताया जाता है कि आरोपी को लेकर शहर में काफी आक्रोष था, वहीं अब स्टेट बार काउंसिल की ओर से ये फैसला लिया गया है कि आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव का केस कोई भी वकील नहीं लड़ेगा। स्टेट बार काउंसिल के जो पदाधिकारी है उनकी ओर से तमाम वकीलों से ये अनुरोध किया गया है कि अब कोई भी आरोपी का केस नहीं लड़ेगा।
जानकारों के अनुसार कुल मिलकार अब जो स्थिति सामने आ रही है उसके अनुसार माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द से जल्द इस मामले में पैरवी हो और फास्टट्रेक कोर्ट में कहीं न कही केस चले और जल्द से जल्द आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसकी कोशिश भी पुलिस कर रही है।
ऐसे समझें पूरा मामला
दरअसल सिमरोल थाना क्षेत्र में 20 फरवरी को बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) को एक पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) द्वारा पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला (burning female principal) दिया गया था। तब से वह शहर के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच 24 फरवरी तक झूलती रही, वहीं इसके बाद 25 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी।
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इस मामले में शुक्रवार को पुलिस के द्वारा लापरवाही बरती जाने के चलते एक पुलिस सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) संजीव तिवारी को निलंबित (ASI suspended) कर दिया गया था।
वहीं पुलिस ने आरोपी को मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ बताया था और पुलिस को जांच में यह भी पता चला था कि पूर्व छात्र ने पक्की साजिश के तहत महिला प्राचार्य को पेट्रोल डालकर जलाया (burning female principal) था। पुलिस के मुताबिक इस सनसनीखेज वारदात से जुड़े पूरे घटनाक्रम (burning female principal) को पूर्व छात्र को पुलिस ने मौके पर ले जाकर अच्छे से समझा भी।
वहीं इसके बाद शनिवार को प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा की मृत्यु के बाद रविवार को पुलिस के सामने जांच में लापरवाही की जानकारियां भी आने पर इंदौर ग्रामीण एसपी भगवदसिंह विरदे ने सिमरोल टीआइ आरएनएस भदौरिया और देपालपुर टीआइ धर्मेन्द्र शिवहरे (पूर्व में सिमरोल पदस्थ थे) को लाइन अटैच कर दिया है।