बाणगंगा के नवनिर्मित सरकारी अस्पताल परिसर में भाजपा और कांग्रेस से जुडे़ नेता धार्मिक और सामाजिक आयोजन करवाते रहते हैं। फिलहाल कांग्रेस नेता संजय शुक्ला बाणेश्वर कुंड में भागवत कथा करवा रहे हैं। कथा स्थल अस्पताल परसिर के लगा हुआ ही है। कथा के बाद हजारों लोगों के भोजन-भंडारे का आयोजन परिसर में ही किया जा रहा है, जिससे परिसर और अस्पताल को नुकसान पहुंच रहा है। यह आयोजन पहली दफा नहीं हो रहा है। इसके पहले भी दो कथा और भंडारे के आयोजन हो चुके हैं। कुछ ही दिन पहले एक भागवत कथा का समापन हुआ है।
अस्पताल परिसर में आयोजन के लिए तंबू लगाए गए हैं, जिसके लिए यहां गड्ढे खोदे गए हैं। दिन में यहां खाना बनाया जाता है तो रात में हजारों लोग खाने के लिए जुटते हैं। रोज परिसर में गंदगी फैल जाती है। इतना ही नहीं आयोजन की वजह से टूट-फूट भी हो रही है। पेवर ब्लॉक और टॉयलेट पाइप अभी से टूट गए हैं। नई ड्रेनेज लाइन में कचरा भरा गया है। इतना ही नहीं अस्पताल की बिल्डिंग के गेट पर ही कर्मचारी बैठकर काम करते हैं, बिल्डिंग की रंगाई-पुताई भी खराब हो रही है। बिल्डिंग की खिड़कियों के सहारे नेताओं के होर्डिंग भी लगे हुए हैं। अस्पताल के एक कमरे के अंदर से बिजली का तार भोजनशाला की ओर जा रहा है। संभवत: बिजली भी अस्पताल की ही उपयोग की जा रही है।
ढाई करोड़ की लागत
सालों बाद ढाई करोड़ की लागत से बने ३० बिस्तरों वाले अस्पताल की सौगात बाणगंगा क्षेत्र को मिली है। १३ एकड़ में फैले अस्पताल का गत १४ अप्रैल को उद्घाटन होना था, लेकिन एेसा लगता है कि भंडारों के आयोजकों के दबाव में अस्पताल का उद्घाटन नहीं किया जा रहा है। जिम्मेदारों ने एक तरह से आयोजनों के लिए खुली छूट दे रखी है, जबकि यह अस्पताल क्षेत्र की महती जरूरत है।
सालों बाद ढाई करोड़ की लागत से बने ३० बिस्तरों वाले अस्पताल की सौगात बाणगंगा क्षेत्र को मिली है। १३ एकड़ में फैले अस्पताल का गत १४ अप्रैल को उद्घाटन होना था, लेकिन एेसा लगता है कि भंडारों के आयोजकों के दबाव में अस्पताल का उद्घाटन नहीं किया जा रहा है। जिम्मेदारों ने एक तरह से आयोजनों के लिए खुली छूट दे रखी है, जबकि यह अस्पताल क्षेत्र की महती जरूरत है।
वरिष्ठ अधिकारी जता चुके हैं नाराजगी
पिछले दिनों भोपाल से आए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक एस. विश्वनाथन ने बाणगंगा अस्पताल का दौरा किया था। नए परिसर की हालात देखकर उन्होंने सीएमएचओ समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने निर्देश दिए थे कि यहां भोजन-भंडारे बंद करवाएंं। वरिष्ठ अफसर के निर्देश के बावजूद स्थानीय अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। समय रहते इन आयोजनों पर रोक लगाना जरूरी है, अन्यथा भविष्य में यह परिपाटी चलती रहेगी।
पिछले दिनों भोपाल से आए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक एस. विश्वनाथन ने बाणगंगा अस्पताल का दौरा किया था। नए परिसर की हालात देखकर उन्होंने सीएमएचओ समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने निर्देश दिए थे कि यहां भोजन-भंडारे बंद करवाएंं। वरिष्ठ अफसर के निर्देश के बावजूद स्थानीय अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। समय रहते इन आयोजनों पर रोक लगाना जरूरी है, अन्यथा भविष्य में यह परिपाटी चलती रहेगी।
बाणगंगा अस्पताल में चिकित्सकीय गतिविधियों के अलावा कुछ और नहीं किया जा सकता है। अन्य आयोजन हो रहे हैं तो यह गलत है। एडीएम से कहंूगा कि आगे से सुनिश्चित करेंगे कि एेसा नहीं हो पाए।
निशांत वरवडे़, कलेक्टर
निशांत वरवडे़, कलेक्टर
बाणगंगा अस्पताल में गार्ड की तैनाती के लिए शासन को पत्र लिखा है। साथ ही वरिष्ठ अफसरों से हस्तक्षेप कर ऐसे आयोजन पर रोक लगाने के लिए काम कर रहे हैं।
मधुसूदन मंडलोई, सिविल सर्जन
मधुसूदन मंडलोई, सिविल सर्जन