लवीन ओव्हाल. इंदौर. अब आपके बाल सिर्फ सेलून से सीधे कचरे के ढेर में नहीं पहुंचेंगे, बल्कि उसे फसलों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाएगा। नगर निगम ने एनजीओ के साथ मिलकर मानव केश से निर्मित अमीनो एसिड शुरू कर दिया है। इसके लिए बाकायदा सेलून से इकट्ठा करके रासायनिक विधि द्वारा निर्माण किया जा रहा है।
इंदौर नगर निगम मप्र का पहला एेसा निगम बन चुका है जहां कचरे में जाने वाले बालों से भी खाद बनाने का काम किया जा रहा है। रीजनल पार्क स्थित अमीनो एसिड केंद्र खोलने के बाद से ही हर माह करीब 500 लीटर से ज्यादा अमीनो एसिड बनाया जा रहा है। भविष्य में इसकी क्षमता 700 से एक हजार लीटर तक बढ़ाए जाने पर निगम प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है।
केंद्र में आकाश कवचाले ने बताया कि फिल्हाल उक्त केंद्र में प्रतिदिन 17 से 20 लीटर तक अमीनो एसिड बनाया जा रहा है। हमारी मदद के लिए 12 रेगपिकर्स की नियुक्ति की गई है। निगम के अधिकारियों का कहना है यह प्रदेश का पहला एेसा केंद्र है, जहां पर मानव केश से अमीनो एसिड बनाया जा रहा है।
हम उक्त केंद्र की क्षमता बढ़ाने के साथ ही अब हेल्पर और वाहन सुविधा भी उपलब्ध करवाने जा रहे हैं। उक्त एसिड को फसलों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बगैर किसी खाद के बढ़ती है उवर्रक क्षमता
अमीनो एसिड का आमतौर पर इस्तेमाल अच्छी फसलों के लिए मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने में किया जाता है। बाजार में अमीनो एसिड की कीमत करीब 400 से 500 रुपए प्रति लीटर तक उपलब्ध है। वहीं निगम द्वारा एनजीओ सार्थक के सहयोग से संपूर्ण लागत आदि निकालने के बाद 300 रुपए प्रति लीटर तक बेचने के लिए तैयार किया गया है। फिलहाल इसकी बिक्री शुरू नहीं की गई है।
अमीनो एसिड का आमतौर पर इस्तेमाल अच्छी फसलों के लिए मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने में किया जाता है। बाजार में अमीनो एसिड की कीमत करीब 400 से 500 रुपए प्रति लीटर तक उपलब्ध है। वहीं निगम द्वारा एनजीओ सार्थक के सहयोग से संपूर्ण लागत आदि निकालने के बाद 300 रुपए प्रति लीटर तक बेचने के लिए तैयार किया गया है। फिलहाल इसकी बिक्री शुरू नहीं की गई है।
यह है प्रक्रिया
– सबसे पहले सेलून से
– इकट्ठा किए बालों से रेगपिकर्स द्वारा गंदगी को साफ किया जाता है।
-फिर पानी से धोया जाता है, ताकि उनमें मौजूद डाई या अन्य विषैले तत्व हटाए जा सके।
– चार किलो बाल प्रोसेस के लिए लेते हैं, और एसिड व पानी का घोल बनाकर उसमें डाले जाते हैं।
– 5 घंटे उबालने से बाल पिघलकर लिक्विड बन जाते हैं।
– इसके बाद पूरे लिक्विड का वजन नापा जाता है।
– इस मिश्रण को अमीनो एसिड में बदलने के लिए माइक्रो न्यूट्रियन्स केमिकल
मिलाए जाते हैं।
– उक्त मिश्रण को फिर गर्म करने के बाद दोबारा वजन किया जाता है।
– इसके बाद मिश्रण को छाना जाता है जिसमें 20 लीटर में से 17 से 18 लीटर अमिनो एसिड और 2 लीटर तक सॉलिड वेस्ट निकलता है।
– अमीनो एसिड को बॉटलों में भर लिया जाता है, जबकि सॉलिड वेस्ट को भी घरेलू खाद के तौर इस्तेमाल किया जा सकता है।
– सबसे पहले सेलून से
– इकट्ठा किए बालों से रेगपिकर्स द्वारा गंदगी को साफ किया जाता है।
-फिर पानी से धोया जाता है, ताकि उनमें मौजूद डाई या अन्य विषैले तत्व हटाए जा सके।
– चार किलो बाल प्रोसेस के लिए लेते हैं, और एसिड व पानी का घोल बनाकर उसमें डाले जाते हैं।
– 5 घंटे उबालने से बाल पिघलकर लिक्विड बन जाते हैं।
– इसके बाद पूरे लिक्विड का वजन नापा जाता है।
– इस मिश्रण को अमीनो एसिड में बदलने के लिए माइक्रो न्यूट्रियन्स केमिकल
मिलाए जाते हैं।
– उक्त मिश्रण को फिर गर्म करने के बाद दोबारा वजन किया जाता है।
– इसके बाद मिश्रण को छाना जाता है जिसमें 20 लीटर में से 17 से 18 लीटर अमिनो एसिड और 2 लीटर तक सॉलिड वेस्ट निकलता है।
– अमीनो एसिड को बॉटलों में भर लिया जाता है, जबकि सॉलिड वेस्ट को भी घरेलू खाद के तौर इस्तेमाल किया जा सकता है।