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एंबुलेंस न मिलने पर स्कूटर पर लेकर पहुंचे शव
परिवार का आरोप है कि, युवक की जान बच सकती थी अगर उसे सही समय पर अस्पताल लाया जाता। लेकिन, इंदौर के ही एक निजी परमार्थिक अस्पताल ने उन्हें एंबुलेंस नहीं दी, जिसके चलते कई अन्य कोशिशे करने में समय लगा। आखिर कार कोई व्यवस्था ना होने के कारण मरीज को स्कूटर पर बैठाकर ही लाना पड़ा। हालांकि, परिवार जब तक मरीज को शहर के एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचा तब तक काफी देर हो चुकी थी। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने प्राथमिक जांच करने के बाद परिवार को बताया कि, बुजुर्ग की मौत काफी देर पहले ही हो चुकी है।
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इस तरह एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर भागता रहा परिवार
बता दें कि, इंदौर के कमला नेहरू नगर में रहने वाले पांडू राव की कुछ समय से तबियत खराब चल रही थी। परिवार के लोग सोमवार शाम को उसे शहर के अरविंदो अस्पताल लेकर पहिंचे, जहां से कुछ औपचारिक दवाएं देकर मरीज को लौटा दिया। मंगलवार को एक बार फिर बुजुर्ग की तबियत बिगड़ी तो परिवार उन्हें लेकर एम.टी. हॉस्पिटल लेकर भागा। हालांकि, इस दौरान पांडूराव की हालत गंभीर थी, जिसके चलते अस्पताल के डाक्टरों ने उन्हें एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया।
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स्कूटर पर लाश लेकर घूमता रहा भाई
परिवार के लोग काफी देर तक लाश को संभाले स्कूटर पर बैठे रहे. कि कम से कम अब तो शव वाहन मिल जाए तो लाश को घर ले जाया जा सके. एमवाय अस्पताल परिसर में दो पहिया वाहन पर शव के साथ बैठी महिला का यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है। तस्वीरें काफी झकझोर देने वाली है। मृतक पांडू राव के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि, एम.टी. हॉस्पिटल में एंबुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण नजदीक के परमार्थिक अस्पताल भी गए, जहां अस्पताल परिसर में एम्बुलेंस खड़ी भी थी। शुरुआत में उन्होंने 300 रुपये की रसीद कटाने पर एंबुलेंस देने की बात कही, जिसपर हमारी रजामंदी दे दी गई। बावजूद इसके कुछ देर बाद उन्होंने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया। मजबूरी में मरीज को वहां से दोपहिया वाहन पर ही एमवायएच लाया गया। हालांकि, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।