भारत सरकार की एजेंसी एफएसएसएआई ने वर्ष 2023-24 में मंदिर को हाइजीनिक सर्टिफिकेट दिया है। मंदिर में प्रसाद स्वरूप लड्डू तथा भोजन प्रसादी में दाल चावल सब्जी रोटी और खीर का वितरण किया जाता है।
उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग
श्री गणपति मंदिर प्रबंध समिति खजराना के संचालक से मिली जानकारी के अनुसार अन्नक्षेत्र व लड्डू प्रसादी में लगने वाली सामग्री उच्च गुणवत्ता वाली उपयोग की जाती है। लड्डू बनाने के पहले घी, बेसन, शकर, ड्रायफ्रूट्स की क्वालिटी चेक की जाती है। इसी तरह अन्नक्षेत्र में भी तुअर दाल, चावल, मसाले, तेल, केसर, आटा व सभी सामग्री ब्रांडेड होने के साथ उपयोग से पहले परखी जाती है। ये भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहनों के लिए बड़ी खुशखबरी, 5 हजार तक बढ़ेंगे किस्त के रुपए हर बुधवार 75 क्विंटल लड्डू की बिक्री
खजराना मंदिर के समिति सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर में अंदर 55 व बाहर 30 दुकानों हैं जहां से लड्डू का प्रसाद बिकता है। वहीं बुधवार को 75 क्विंटल लड्डू बिकते हैं। सप्ताह के अन्य दिनों में औसत 15 क्विंटल बिक्री होती है।
प्रमुख त्योहार जैसे गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी, 1 जनवरी को 500 क्विंटल तक लड्डू बिकते हैं। दुकानदार भी प्रसाद की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते। समिति सदस्यों द्वारा दुकानों पर बिक रहे लड्डू की आकस्मिक जांच भी की जाती है।
आम दिनों में 25-30 हजार भक्त करते है दर्शन
खजराना गणेश मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां आम दिनों में 25 से 30 हजार श्रध्दालु दर्शन करने आते है। हर बुधवार यहां 1 लाख से ज्यादा भक्त गणेशजी का आशीर्वाद लेते है। यहां आज तक भोजन प्रसादी की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है।