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टाइगर और चीता स्टेट में अब दिखेंगे जेब्रा भी, जरूर पढ़ें इस अफ्रीकन मेहमान के ये इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स

इस नए साल में अगर आप भी टाइगर और चीता स्टेट मध्य प्रदेश में आने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपको खुश कर सकती है। क्योंकि अब यहां बाघ, शेर, चीतल, हिरण ही नहीं बल्कि अफ्रीकन जेब्रा भी आपको घूमते नजर आएंगे…

इंदौरJan 05, 2024 / 01:56 pm

Sanjana Kumar

इस नए साल में अगर आप भी टाइगर और चीता स्टेट मध्य प्रदेश में आने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपको खुश कर सकती है। क्योंकि अब यहां बाघ, शेर, चीतल, हिरण ही नहीं बल्कि अफ्रीकन जेब्रा भी आपको घूमते नजर आएंगे। अफ्रीकन जेब्रा के आने की खुशी में हम आपको बता रहे हैं जेब्रा से जुड़े अनजाने, अनसुने ये रोचक फैक्ट, जो आपको हैरान कर देंगे…

एमपी के इस शहर में दिखेंगे जेब्रा आपको बताते चलें कि अफ्रीका से आने वाले ये नये मेहमान एमपी के इंदौर शहर में ही नजर आएंगे। यानी इंदौर प्रदेश का पहला ऐसा शहर होगा जहां जेब्रा नजर आएंगे। यह नया मेहमान कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय अर्थात चिडिय़ाघर में आने की तैयारी कर चुका है। इसके लिए कवायदें तेज हो गई हैं और नए मेहमान के बाड़े के लिए जगह भी सुनिश्चित कर ली गई है।

भेजा है एनिमल एक्सचेंज का प्रस्ताव

चिडिय़ाघर प्रबंधन ने एनिमल एक्सचेंज के तहत उन शहरों को प्रस्ताव भेजा है, जहां अफ्रीकन जेब्रा हैं। बदले में उन चिडिय़ाघरों से पूछा गया है कि उन्हें कौन-से जानवर चाहिएं? अब उन शहरों से उत्तर की प्रतीक्षा की जा रही है। ये एनिमल होंगे एक्सचेंज बता दें कि इंदौर के चिडिय़ाघर में शेर, बाघ, चीतल, हिरण आदि एनिमल्स की संख्या ज्यादा है। इसलिए इन एनिमल्स को एक्सचेंज किया जा सकता है।

2021 में इजराइल ने लखनऊ भेजे थे जेब्रा

– आपको बता दें कि 2021 में इजराइल ने यूपी के लखनऊ शहर के चिडिय़ाघर को जेब्रा भेंट किए थे।

– इसके अलावा अलीराजपुर और कोलकाता में भी चिडिय़ाघरों में जेब्रा देखे जा सकते हैं।

जरूर पढ़ें जेब्रा के ये रोचक फैक्ट

– आपको सुनकर हैरानी होगी कि पहले हमारे देश घोडग़ाड़ी और बैलगाड़ी की तरह जेब्रा गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता था।

– जब भारत अंग्रेजों के कब्जे में था, तब अंग्रेज ट्रांसपोर्टेशन के लिए जेब्रा गाड़ी का इस्तेमाल किया करते थे।

– ये जेब्रा गाड़ी 1930 में दौड़ती थी। – बंगाल के कोलकाता में चलती नजर आती थी।

– दरअसल जेब्रा घोड़े और बैल से ज्यादा ताकतवर होते थे और फुर्तिले भी।

– दिक्कत सिर्फ यही थी कि जेब्रा गाड़ी को संभालना मुश्किल होता था।

– इसके साथ ही जेब्रा का खाना घोड़ों और बैलों से अलग होता था।

– जेब्रा शब्द पुर्तगाली भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है जंगली गधा।

– जेब्रा खुर वाला एकमात्र ऐसा एनिमल है, जो अफ्रीका का मूल निवासी है।

– जेब्रा का शरीर वास्तव में काला होता है, जिस पर सफेद धारियां होती हैं।

– जेब्रा एक सामाजिक प्राणी है और समूहों में रहता है। जेब्रा के समूह को डेजल कहते हैं।

– एक समूह में 5 से 20 जेब्रा होते हैं।

– इजराइल में पाया जाने वाला जेब्रा बेहद शर्मिला होता है।

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