इंदौर में व्हाइट टॉप सडक निर्माण का काम डेंटल कॉलेज चौराहे से एबी रोड तक किया जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि यह मॉडल सफल हुआ तो शहर की अन्य सडकें भी इसी पद्धति से बनेंगी। उन्होंने दावा किया कि यह पूरी तरह मेंटेनेंस फ्री सड़क होगी।
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महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक प्रदेश में पहली बार इंदौर नगर निगम व्हाइट टॉपिंग सड़क बना रहा है। डामर की सड़कों पर हर बार पेचवर्क करना पड़ता है। यह वाला मॉडल सफल होगा तो उस आधार पर शहर की सभी डामर की सड़कों को व्हाइट टॉपिंग तकनीक से रिप्लेस करेंगे, ताकि सड़कें 20 से 50 साल तक मेंटेनेंस फ्री रहे।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक प्रदेश में पहली बार इंदौर नगर निगम व्हाइट टॉपिंग सड़क बना रहा है। डामर की सड़कों पर हर बार पेचवर्क करना पड़ता है। यह वाला मॉडल सफल होगा तो उस आधार पर शहर की सभी डामर की सड़कों को व्हाइट टॉपिंग तकनीक से रिप्लेस करेंगे, ताकि सड़कें 20 से 50 साल तक मेंटेनेंस फ्री रहे।
दीपावली से पहले इस सडक निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया था, जिसका काम सोमवार से शुरू हो गया। मप्र में पहली बार नई टेक्नोलॉजी से निर्माण हो रहा है। कुछ ही घंटे में यह सड़क बिना यातायात अवरुद्ध किए उपयोग की जा सकती है। भविष्य में 25 दिन तक तरी कर सड़क मजबूती के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। सड़क बनाकर दूसरे ही दिन उसका उपयोग किया जा सकेगा।
क्या होता व्हाइट टॉपिंग
व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में मिलिंग मशीन की मदद से पुरानी डामर की सड़क की ऊपरी परत को स्क्रैच पर कांक्रीट का मोटा लेप किया जाता है। इससे समय और संसाधनों की बचत होती है। एम-40 ग्रेड सीमेंट कांक्रीट में फाइबर बुरादा भी उपयोग किया जाता है।
व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में मिलिंग मशीन की मदद से पुरानी डामर की सड़क की ऊपरी परत को स्क्रैच पर कांक्रीट का मोटा लेप किया जाता है। इससे समय और संसाधनों की बचत होती है। एम-40 ग्रेड सीमेंट कांक्रीट में फाइबर बुरादा भी उपयोग किया जाता है।