खास बात ये है कि इन जालसाजों ने देश के अलग-अलग राज्यों जिनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, झारखंड के अलावा अन्य राज्यों में बैठकर पिछले 8 महीने में सिर्फ इंदौर शहर के ही 70 लोगों के साथ ठगी की है। हैरानी की बात ये भी है कि इऩ 70 लोगों से ये जालसाज 20 लाख से ज्यादा ठग चुके हैं। फिलहाल, क्राइम ब्रांच के साथ साइबर पुलिस इन जालजासों के खाता नंबरों और यूपीआई की जांच करने में जुटी हुई है।
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आम लोग हो जाते हैं शिकार
मामले को लेकर एडिशनल डीसीपी ( क्राइम ) राजेश दंडोतिया का कहना है कि ये साइबर ठग सैन्य अफसरों की वर्दी पहने प्रोफाइल लगाकर रखते हैं। इससे आम लोग आसानी से धोखा खा जाते हैं। आरोपी ओएलएक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं। तबादला होने का हवाला देकर सस्ता सामान (टीवी, फ्रीज, वाशिंग मशीन, कार और बाइक) बेचने की बात कहते हैं।ऑनलाइन राशि लेकर सामान भिजवाने का झांसा
आरोपी लोगों से ऑनलाइन राशि लेकर सामान भिजवाने का झांसा देते हैं। सैन्यकर्मी होने के कारण लोग उन पर विश्वास कर लेते हैं। एडीसीपी के मुताबिक, इसी साल 70 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। उन शिकायतों में आरोपियों द्वारा 20 लाख 56 हजार रुपए की ठगी की जा चुकी है। वक्त पर शिकायत करने पर 40 प्रतिशत राशि पुलिस ने बचा ली है। यह भी पढ़ें- इंदौर में नहीं चलेगीं यात्री बसें, यात्रियों को इस तरह करना होगा सफर
ऐसे ठगे गए लोग
-केस नंबर-1 क्लीनिक संचालक मनीष को फोर्स के स्टाफ की लिस्ट भेजकर कहा कि खून की जांच करवानी है। ठग ने टेस्ट की फीस जमा करवाने के लिए ई-वालेट से पेमेंट प्रोसेस करवाते हुए 30 हजार रुपए ठगे। -केस नंबर-2 फरियादी सुनीत से आरोपिये ने कहा कि उन्हें डामर केमिकल की जरूरत है। आर्डर बुक करते समय झांसेबाजी की और 5 लाख 60 हजार ठग लिए। -केस नंबर-3 पीड़ित अमित को एक डमी मैसेज भेजकर ठगों ने कहा कि, ‘मैं आर्मी अफसर हूं। मैं किसी परिचित को पैसे भेज रहा था, गलती से आपको सेंड हो गए। मेरी पोस्टिंग ऐसी जगह है कि मैं ज्यादा देर रुक नहीं सकता। आप अपना इनबॉक्स चैक करके कंफर्म कर लें और मैरे रूपए मुझे लौटा दें।’ आवेदक ने जल्दबाजी में बैंक अकाउंट चेक करने के बजाए ठग के बताए फर्जी टेक्स्ट मैसेज चैक कर उसके जरिए 99 हजार रुपए ठग को भेज दिए।