Must read : नाबालिग भतीजी पर बिगड़ी काका की नीयत, चिल्लाई तो मुंह में पत्थर ठूंस झाडिय़ों में फेंका शिकायतकर्ता इंदौर के उद्योगपति सुनील अजमेरा ने बताया कि उसने अपने उत्पाद के लिए आईएसआई मानक प्रदान करने के संबंध में बीआईएस के भोपाल स्थित कार्यालय में आवेदन दिया था। वहां पदस्थ वैज्ञानिक अरुण शंखवार ने आईएसआई मार्क प्रदान करने के लिए मुझसे 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत मांगे जाने पर सुनील ने लोकायुक्त में बीआईएस अधिकारी की शिकायत की और लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथ पकडऩे की योजना बनाई। शिकायतकर्ता ने कहा रिश्वतखोर अधिकारी पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए लेने के लिए इंदौर पहुंचा था तब ही इंदौर के लोकायुक्त विभाग में सभी जानकारी दी और रंगे हाथों पकड़ाया। मामले की जांच बाणगंगा थाना पुलिस करेगी।
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…और रंगे हाथों धर दबोचा योजना के अनुसार जिस स्थान पर रिश्वत की राशि लेना थी वहां पहले से ही लोकायुक्त की टीम सादे कपड़ में पहुंच चुकी थी। फरियादी ने जैसे ही 10 हजार रुपए आरोपी को दिए वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथों धर दबोचा और आरोपी अरुण शंखवार के खिलाफ बाणगंगा थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही की गई है।
Must read : आज का दिन इन राशियों के लिए हैं महत्वपूर्ण, बजरंगबली का करें पूजन आईएसआई मानक प्रदान करने वाली संस्था भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 की धारा 7 के अंतर्गत कार्रवाई अभी जारी है। भारतीय मानक ब्यूरो बाजार के विभिन्न उत्पादनों को आईएसआई मानक प्रदान करने वाली संस्था है जो कि भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय नई दिल्ली के आधीन कार्य करती है।