स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि दरअसल, इंडोनेशिया महंगाई को रोकने के लिए प्रयास कर रहा है. इसके तहत पाम तेल के निर्यात की सीमा 10 फीसदी घटा दी। इससे तेल की पूरी डिमांड मलेशिया शिफ्ट होने की संभावना है। यही वजह है कि केएलसी में तूफानी तेजी देखने को मिली।
इंदौर बाजार में सोयाबीन तेल 40 से 50 रुपये बढ़कर 1610 से 1620 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसी तरह इंदौर पाम तेल भी 50 से 55 रुपये बढ़कर 1655 से 1660 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया। इधर इंदौर मूंगफली तेल में भी 30 से 50 रुपये की वृद्धि हुई. यह बढ़कर 1600-1620 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया है। स्थानीय खेरची बाजार में सोयाबीन तेल और मूंगफली तेल के दाम करीब 4 से 5 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं।
अब आगे क्या— जानकारों और व्यापारियों के मुताबिक अभी भले ही दाम बढ़े हैं पर कुछ दिनों में तेल के दामों में खासी राहत मिल सकती है। बताते हैं कि इंडोनेशिया में पाम तेल का उत्पादन दो लाख टन बढ़ने की संभावना है। इसी तरह मलेशिया में पाम तेल का उत्पादन 19 मिलियन टन तक पहुंच गया है। रूस यूक्रेन वार भी थमने की उम्मीद है. इन सब कारणों से तेल के दाम कम होने की संभावना बन चुकी है।