आपको बता दें कि, शहर के स्नेह नगर इलाके के नजदीक स्थित पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी के मौके पर गुरुवार को श्रद्धालु बड़ी संख्या में पूजा के लिए पहुंचे थे। पूजा के दौरान ही मंदिर परिसर में स्थित पुरानी बावड़ी की छत धंसक गई, जिससे उसपर बैठे करीब 50 से अधिक श्रद्धालु 60 फीट गहरी बावड़ी में जा गिरे। इस दर्दनाक हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 18 लोग घयाल हुए थे। इस घटना में इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई थी।
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इस तरह अवैध निर्माण पर हुई कार्रवाई
सिंधी कॉलोनी के पास स्नेह नगर में सालों पहले एक बावड़ी थी। 20-25 साल पहले उसके ऊपर अवैध रूप से एक स्लैब का निर्माण कर दिया गया। इसके बाद वो धीरे – धीरे उसे मंदिर का हिस्सा बना लिया गया, जो पूरी तरह अवैध था। बावड़ी नीचे ढंकी हुई थी, लोगों को पता ही नहीं था कि, वो जिस जगह बैठे हैं वहां नीचे मौत का गड्ढा है। रामनवमी के दिन जब श्रद्धालु बड़ी संख्या में वहां इकट्ठे हुए तो वो कमजोर छत एक साथ इतने लोगों का भार नहीं झेल पाई और टूट गई, जिससे उसपर बैठे आधा सेकड़ा से अदिक लोग 60 फीट गहरी बावड़ी के काल में समा गए।
बजरंग दल का विरोध
इंदौर प्रशासन की ओर से मंदिर के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कारर्वाई शुरु करते समय मौके पर बड़ी संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए। उन्होंने मंदिर के खिलाफ की जा रही कारर्वाई का विरोध करते हुए सड़क पर धरना प्रदर्शन किया।