मनुष्य और तमाम जीवों का जीवन चक्र लिखित है[typography_font:14pt;” >गदगश्री पाश्र्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ। आचार्य श्री मेहन्द्रसागरसूरि आदि ठाणा का यहां पदार्पण हुआ। श्री संघ ने उनका भाव भरा हार्दिक स्वागत किया। आयोजित प्रवचन में आचार्य श्री ने कहा कि समय का जीवन चक्र जिस तरह निश्चित है वैसे ही मनुष्य और तमाम जीवों का भी जीवन चक्र लिखित है। अब ये हमारे ऊपर है कि हम इस जीवन चक्र में क्या करते हैं। गलत कार्य करके व्यर्थ करते हैं या फिर अच्छे कार्य करके इसे सार्थक करते है। प्रवचन श्रवण जीवन परिवर्तन और जीवन निर्माण का अमोध उपाय है। प्रवचन को हम बहुत बड़ी साधना कह सकते हैं क्योंकी प्रवचन सभी धर्म साधना और आराधना की जननी है। प्रवचन से ज्ञान शुद्धि-दर्शन विशुद्धि और चारित्र की प्राप्ति होती है। प्रवचन श्रवणए व्यक्ति के जीवन में गुण समृद्धि और धर्म समर्धी लाता है। प्रवचन श्रवण-ज्ञान विज्ञान और त्याग वैराग्य लाता है। प्रवचन के दरम्यान कई श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।……………………………………