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यहां नहीं चल पाई गारंटी योजनाएं, पार्टी अब विश्लेषण करेंगी कि कमी कहां रहीं, उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला फायदा

कर्नाटक में कांग्रेस का प्रदर्शन आशाजनक नहीं रहा। पार्टी को 12 से 15 सीटें मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कर्नाटक में कांग्रेस के लोकसभा अभियान का आधार बनी गारंटी योजनाएं पार्टी को पर्याप्त सीटें दिलाने में विफल रहीं। पिछले साल विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक पहला राज्य था, जहां उसने अपने गारंटी मॉडल को अमल में लाया।

हुबलीJun 05, 2024 / 05:09 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

shakti scheme

योजनाओं का निर्णायक असर नहीं
पांच गारंटियों गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, शक्ति और युवा निधि के 5.10 करोड़ लाभार्थी हैं। 2023-24 में इन योजनाओं पर सरकारी खजाने से 36,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने इन योजनाओं के लिए 52,009 करोड़ रुपए अलग रखे हैं। गारंटी लाभार्थियों में से कई महिलाएं हैं, जो लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का चुनावी लक्ष्य समूह बन गईं। कांग्रेस के चुनाव प्रबंधकों के अनुसार, महिला वोटों में 10-15 फीसदी का बदलाव होने की उम्मीद थी। राज्य में कांग्रेस द्वारा 28 लोकसभा सीटों में से नौ पर जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस ने माना है कि उन्हें विश्लेषण की जरूरत है। कांग्रेस अब इस बात को परखेगी कि क्या गारंटी योजनाओं का फायदा मिला या नहीं। कांग्रेस को लगता है कि गारंटी योजनाओं का फायदा शायद उतना नहीं मिल पाया जितनी उम्मीद थी। पार्टी की उम्मीद थी कि गारंटी योजनाएं उसकी तारणहार बनेंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पार्टी अब हर सीट का विश्लेषण कर इसे जांचेगी। ऐसे में यह साफ है कि गारंटी योजनाओं का निर्णायक असर नहीं हुआ है।
वास्तविक हकदारों को लाभ देने पर विचार
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, कांग्रेस को 12 से 15 सीटें मिलने की उम्मीद थी। ऐसे में कांग्रेस को अब कर्नाटक में लोकसभा के नतीजे कांग्रेस सरकार को कार्यान्वयन के मामले में गारंटी योजनाओं को और अधिक लक्षित बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, गृह ज्योति 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली वस्तुत: सभी घरों में उपलब्ध है। इसके बजाय इसे केवल उन लोगों के लिए बनाया जाना चाहिए जिन्हें वास्तव में इसका लाभ चाहिए।

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