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हुबली

मौजूदा भाजपा सांसद सक्रिय कम तो कांग्रेस की गुटबाजी भी आ रही सामने, यहां चिकित्सक का मुकाबला पूर्व विधानसभाध्यक्ष से, कांग्रेस अंतिम बार 1999 में जीती

उत्तर कन्नड़ लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला रोचक है। एक चिकित्सक का मुकाबला पूर्व विधानसभाध्यक्ष से हैं। भाजपा ने इस बार छह बार के सांसद अनंत कुमार हेगड़े का टिकट काटकर छह बार के विधायक विश्वेश्वर हेगड़े कागेड़ी को उम्मीदवार बनाया है। विश्वेश्वर विधानसभाध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। खानपुर की पूर्व विधायक डॉ. अंजली निंबालकर को कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित किया है। अंजली ी रोग विशेषज्ञ है। 1999 में यहां से कांग्रेस की माग्र्रेट अल्वा जीती थीं और अब अंजली को उम्मीद है कि वह 1999 की कांग्रेस की जीत को दोहराएगी।

हुबलीMay 01, 2024 / 02:46 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

Uttara Kannada Lok Sabha constituency

Uttara Kannada Lok Sabha constituency

उत्तर कन्नड़ लोकसभा क्षेत्र दो जिलों में फैला हुआ है। इसमें जहां पश्चिम घाट के वनों का हिस्सा, समुद्र तटीय इलाका एवं मैदानी भाग शामिल है। उत्तर कन्नड़ में हलियाल, येलापुर, कारवार, सिरसी, कुमटा और भटकल विधानसभा क्षेत्र जबकि बेलगावी जिले में कित्तूर और खानापुर शामिल है। खास बात है कि पिछला विधानसभा चुनाव दोनों उम्मीदवार हार चुके हैं और दोनों ही पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हेगड़े जहां मोदी एवं हिन्दुत्व के नाम पर मतदाताओं के बीच जा रहे हैं वहीं कांग्रेस गारंटी एवं विकास योजनाओं को उजागर कर रही है।
विकास की बाट जोह रहा
मतदाताओं का कहना है कि उत्तर कन्नड़ जिले में कोई विश्वविद्यालय या सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नहीं है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और उद्योगों के मामले में जिले में बहुत कुछ करना बाकी है। मौजूदा सांसद अनंतकुमार हेगड़े पूरी तरह से प्रचार में नहीं जुटे हैं। उनके संविधान बदलने के बयान पर भाजपा ने संभवत उन्हें टिकट से वंचित किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी बार-बार कहा कि भाजपा कोई संविधान नहीं बदलने जा रही है। अनंतकुमार हेगड़े दो दिन पहले सिरसी में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। अनंतकुमार हेगड़े के समर्थक मुख्य रूप से नामधारी समुदाय जिसे राज्य के अन्य हिस्सों में बिलावास या एडिगस के नाम से भी जाना जाता है से हैं। इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में क्षेत्र में है।
कांग्रेस की गुटबाजी से निपटना चुनौती
हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मछुआरा समुदाय, नामधारी और हलाक्की गौड़ा जैसे अन्य पिछड़े समुदाय इस चुनाव में किसका समर्थन करेंगे। इस चुनाव में मराठा कांग्रेस को वोट दे सकते हैं क्योंकि डॉ. निंबालकर मराठा समुदाय से आती है। डॉ. निंबालकर निर्वाचन क्षेत्र में लगातार सक्रिय भी है। उन्होंने आमजन के बीच लोकप्रियता हासिल की है। पांच विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी विधायकों की मौजूदगी और येल्लापुर में भाजपा विधायक का तटस्थ रुख उन्हें बढ़त दिला सकता है। हालांकि कांग्रेस में गुटबाजी भी कम नहीं है। यह कांग्रेस उम्मीदवार के लिए चुनौती हो सकती है।

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