मतदाताओं का कहना है कि उत्तर कन्नड़ जिले में कोई विश्वविद्यालय या सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नहीं है। स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और उद्योगों के मामले में जिले में बहुत कुछ करना बाकी है। मौजूदा सांसद अनंतकुमार हेगड़े पूरी तरह से प्रचार में नहीं जुटे हैं। उनके संविधान बदलने के बयान पर भाजपा ने संभवत उन्हें टिकट से वंचित किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने भी बार-बार कहा कि भाजपा कोई संविधान नहीं बदलने जा रही है। अनंतकुमार हेगड़े दो दिन पहले सिरसी में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। अनंतकुमार हेगड़े के समर्थक मुख्य रूप से नामधारी समुदाय जिसे राज्य के अन्य हिस्सों में बिलावास या एडिगस के नाम से भी जाना जाता है से हैं। इस समुदाय के लोग बड़ी संख्या में क्षेत्र में है।
हालांकि अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मछुआरा समुदाय, नामधारी और हलाक्की गौड़ा जैसे अन्य पिछड़े समुदाय इस चुनाव में किसका समर्थन करेंगे। इस चुनाव में मराठा कांग्रेस को वोट दे सकते हैं क्योंकि डॉ. निंबालकर मराठा समुदाय से आती है। डॉ. निंबालकर निर्वाचन क्षेत्र में लगातार सक्रिय भी है। उन्होंने आमजन के बीच लोकप्रियता हासिल की है। पांच विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी विधायकों की मौजूदगी और येल्लापुर में भाजपा विधायक का तटस्थ रुख उन्हें बढ़त दिला सकता है। हालांकि कांग्रेस में गुटबाजी भी कम नहीं है। यह कांग्रेस उम्मीदवार के लिए चुनौती हो सकती है।