प्राचीन मंदिर में संगमरमर से बनी श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुध्न की प्रतिमाएं
हुबली•Jan 04, 2024 / 07:18 pm•
ASHOK SINGH RAJPUROHIT
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्रतिष्ठा होगी। इस दिन हुब्बल्ली के कई राम मंदिरों में भी खास आयोजन होंगे। हुब्बल्ली के कमरीपेट स्थित श्रीराम मंदिर में इस दिन हवन-यज्ञ के साथ कई धार्मिक आयोजन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रतिष्ठा के इस महोत्सव को खास बनाने के लिए यहां मंदिर परिसर में दिवाली का महोत्सव नजर आएगा। रंग-बिरंगी रोशनी के साथ ही दीयों की जगमगाहट से मंदिर रोशन होगा। इस दिन मंदिर परिसर में विशेष रंगोली के साथ ही भजन-कीर्तन के कार्यक्रम होंगे। मंदिर के इस महत्वपूर्ण आयोजन में विभिन्न इलाकों से भक्तगण शरीक होंगे। कमरीपेट का श्रीराम मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां भगवान श्रीराम के साथ ही सीता व लक्ष्मण की प्रतिमा है। वहीं पास में भरत व शत्रुध्न की प्रतिमाएं हैं। सभी प्रतिमाएं संगमरमर के सफेद पत्थर से बनी है। राम एवं लक्ष्मण ने हाथ में चांदी का धनुष-बाण ले रखा है। मंदिर के नीचे भूमिगत तल में दत्तात्रेय भगवान की प्रतिमा शोभायमान है। मंदिर की देखरेख का जिम्मा एसएसके कमरीपेट पंच कमेटी संभाल रही है।
अयोध्या मंदिर के प्रतिष्ठा के दिन होगा यहां भव्य आयोजन जिस दिन अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्रतिष्ठा होगी उसी दिन यहां हुब्बल्ली श्रीराम मंदिर में भी भव्य कार्यक्रम रखा गया है। पूरे दिन धार्मिक आयोजन होंगे। इस दिन मंदिर परिसर एवं आसपास के इलाकों को दीपों से सजाया जाएगा। समूचे इलाके में रोशनी एवं सजावट की जाएगी। महोत्सव की तरह यह दिन मनाया जाएगा। - मोतीलाल कबाड़े, अध्यक्ष, एसएसके कमरीपेट पंच कमेटी।
मंदिर का कराएंगे जीर्णोद्वार हुब्बल्ली के कमरीपेट में बने श्रीराम मंदिर का जल्द जीर्णोद्वार करवाया जाएगा। हमारा प्रयास रहेगा कि जिस तरह से अयोध्या में श्रीराम का मंदिर बना है, उसी तर्ज पर यहां भी मंदिर का निर्माण हो। हालांकि उतना भव्य नहीं होगा लेकिन जितना अच्छा बन सकेगा हम प्रयास करेंगे। जल्द ही मंदिर का नक्शा तैयार कर यहां पहले से लगी प्रतिमाएं ही नए मंदिर में विराजमान की जाएगी। - विट्ठल लदवा, उपाध्यक्ष, एसएसके कमरीपेट पंच कमेटी।
रोज दर्शन के लिए आते हैं भक्तगण मंदिर में रोजाना सैकड़ों भक्तगण आते हैं। हुब्बल्ली के साथ ही आसपास के इलाकों से भी कई भक्त यहां श्रीराम के दर्शन के लिए आते हैं। स्कूल के पास ही श्रीराम का मंदिर होने से बच्चों में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण हो रहा है। - यशोदा रायगर, शिक्षिका।
मंदिर के नीचे भूमिगत तल में दत्तात्रेय भगवान की प्रतिमा शोभायमान है।
कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर कब बना, इसका सही इतिहास तो नहीं पता लेकिन ऐसा माना जाता है कि मंदिर निर्माण के समय यह इलाका सूनसान था। नागा साधु भ्रमण करते हुए इधर आए थे। वे यहां कई दिनों तक रूके। मंदिर के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा है। रोजाना सैकड़ों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। न केवल कर्नाटक बल्कि आसपास के राज्यों से भी मंदिर में दर्शन के लिए रामभक्त यहां पहुंचते हैं। मंदिर में सालभर कई धार्मिक आयोजन होते हैं। रामनवमी को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस्कॉन समेत विभिन्न इलाकों से भजन मंडलियां भी यहां भजनों की प्रस्तुति देने आती है। बाहर से आने वाले भक्तों के ठहरने के लिए मंदिर परिसर में ही चार कमरों की आवास व्यवस्था भी है।
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