शिवमोग्गा में 5 महीनों में डेंगू के 180 मामले सामने आए, चिकनगुनिया के 133 मामले
इस साल तापमान में वृद्धि के कारण डेंगू के मामलों में वृद्धि हुई है। महज पांच माह में जिले में डेंगू के 180 और चिकनगुनिया के 133 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि पिछले पूरे साल इतने ही मामले सामने आए थे।
जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा, जून और जुलाई में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले बढ़ जाते हैं। इसलिए मई में जागरूकता कार्यक्रम अवश्य आयोजित किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना चाहिए कि अप्रयुक्त टैंकों, ड्रमों, मिट्टी के बर्तनों और पानी के कंटेनरों में पानी जमा न हो। जब डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं, तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका इलाज मौजूद है। विशेषज्ञों का कहना है कि एडीज एजिप्टी मच्छर दिन के समय लोगों को काटते हैं। इसलिए ऐसे मच्छरों से खुद को बचाने की जरूरत है। लोगों से निवारक उपायों का पालन करने और इस तरह खुद को डेंगू और चिकनगुनिया से बचाने का आह्वान किया। डेंगू बुखार बढऩे पर मौत की आशंका रहती है। उत्तर भारत के शहरों में डेंगू से कई लोगों की मौत हो चुकी है। चिकनगुनिया और डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग को अन्य विभागों के साथ मिलकर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए। लोगों का सहयोग भी जरूरी है।
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