हुबली

किया जम्भेश्वर की बताई शब्दवाणी का पाठ, हवन के माध्यम से की मानव मात्र के कल्याण की कामना

बुदरसिंघी स्थित दक्षिण भारतीय विश्नोई धर्मशाला मेें सामूहिक हवन

हुबलीDec 01, 2024 / 04:34 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

हुब्बल्ली के पास बुदरसिंघी गांव स्थित दक्षिण भारतीय विश्नोई धर्मशाला में हवन करते विश्नोई समाज के लोग।

विश्नोई समाज में हवन का बहुत महत्व है तथा समाज के लोगों को गुरु जांभोजी ने प्रतिदिन हवन करने को कहा है। प्रतिदिन हवन करने से वातावरण में शुद्धि बनी रहती है। विष्णु भगवान उपासक व गुरु जम्भेश्वर भगवान के अनुयायी मानने वाले विश्नोई पंथ के लोग जीव दया व पर्यावरण संरक्षण के हितैषी रहे हैं। हुब्बल्ली (कर्नाटक) के पास बुदरसिंघी गांव स्थित दक्षिण भारतीय विश्नोई धर्मशाला में हवन का आयोजन किया गया। गुरु जम्भेश्वर महाराज ने अपने शब्दवाणी में इसका विशेष उल्लेख किया है। सामूहिक हवन के दौरान जांभोजी की बताई शब्दवाणी का पाठ किया गया। हवन के माध्यम से मानव मात्र के कल्याण की कामना की गई। समाज के लोगों ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर ने अपने अनुयायियों को 29 नियमों की पालना करने को कहा था। विश्नोई पंथ में गुरु जाम्भोजी के समय से ही हवन की प्रथा चली आ रही है। हवन के समय शब्दवाणी के शब्दों को एक विशेष लय में पाठ किया जाता है। घरों में किए जाने वाले प्रतिदिन के हवन में शब्दवाणी के प्रारम्भिक पांच-सात शब्दों का पाठ करके अन्त में ‘शुक्ल हंस’ सबद बोला जाता है। हवन के सम्पूर्ण होने पर धूप मंत्र बोला जाता है।
हवन की ज्योति में गुरु जम्भेश्वर के दर्शन
विश्नोई समाज के लोगों ने कहा कि विश्नोई पंथ में हवन का अत्यधिक महत्व है। समाज के प्रत्येक संस्कार पर हवन होता है। गुरु जाम्भोजी ने उनतीस नियमों में ‘नित्य हवनÓ करने के नियम को सम्मिलित किया है। इसके साथ-साथ शब्दवाणी में भी हवन के महत्व को प्रकट किया है और हवन न करने को मनुष्य का बड़ा अपराध माना है। हवन के सम्पूर्ण होने पर धूप मंत्र बोला जाता है। हवन के इस महत्व के पीछे एक कारण यह भी है कि पंथ में हवन की ज्योति में गुरु जाम्भोजी के दर्शन माने जाते है।
आध्यात्मिक के साथ वैज्ञानिक आधार भी
विश्नोई समाज के श्रीराम जाणी झाब ने बताया कि हवन का आधार केवल आध्यात्मिक नहीं है अपितु इसके साथ-साथ इसका आधार वैज्ञानिक भी है। आज विज्ञान ने भी हवन के महत्व को स्वीकार कर लिया है। पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी हवन का सर्वाधिक योगदान है। हवन से प्रदूषण नष्ट हो जाता है और सम्पूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है। विश्नोई पंथ में प्रतिदिन जो घरों में हवन होता है उससे घर का वातावरण शुद्ध रहता है और मन्दिरों में होने वाले सामूहिक हवन से समाज का वातावरण शुद्ध रहता है।
समाज के लोगों ने दी आहूतियां
इस अवसर पर विश्नोई समाज के श्रीराम जाणी झाब, ओमप्रकाश डारा रामजी का गोल, नरेश साहू चौरा, गणपत सारण करावड़ी, ओमप्रकाश भाम्भू रामजी का गोल, विश्नोई समाज युवा मंडल के अध्यक्ष रामलाल विश्नोई, चेतन पंवार मालवाड़ा, गंगाराम झोदगण, दिनेश सारण जानवी, भगवानराम कड़वासरा चौरा, प्रवीण मांजू चितलवाना, जगदीश नैण लालपुरा, रौनक पंवार मालवाड़ा, जयदीप सारण जानवी समेत समाज के अन्य लोग हवन में बैठे और आहूतियां दीं।

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