समाज के 90 प्रतिष्ठान
पतंजली युवा संगठन बल्लारी के सह संयोजक चतुरसिंह राजपुरोहित, हिंदू जागरण मंच के प्रांत संपर्क प्रमुख एवं विभाग महिला सुरक्षा प्रमुख अर्जुनसिंह मोदरान, नरपतसिंह रायथल, मदनसिंह मादा, मदनसिंह रायथल, मांगीलाल देवड़ा, अभयसिंह पादरू, मुकेश राजगुरु आम्बली, मगसिंह झाबरा एवं सुरेश कुमार रायथल ने बताया कि राजपुरोहित समाज के लोग राजस्थान के जालोर, बालोतरा, पाली, जोधपुर, सिरोही, जैसलमेर, बीकानेर समेत अन्य जिलों से हैं। समाज की करीब 90 दुकानें हैं। समाज के अधिकांश लोग किराणे, रेडिमेड गारमेन्ट, जींस मैन्युफैक्चरिंग, मिठाई, कैटर्स, इलेक्ट्रिकल्स समेत अन्य व्यवसाय में है।
पतंजली युवा संगठन बल्लारी के सह संयोजक चतुरसिंह राजपुरोहित, हिंदू जागरण मंच के प्रांत संपर्क प्रमुख एवं विभाग महिला सुरक्षा प्रमुख अर्जुनसिंह मोदरान, नरपतसिंह रायथल, मदनसिंह मादा, मदनसिंह रायथल, मांगीलाल देवड़ा, अभयसिंह पादरू, मुकेश राजगुरु आम्बली, मगसिंह झाबरा एवं सुरेश कुमार रायथल ने बताया कि राजपुरोहित समाज के लोग राजस्थान के जालोर, बालोतरा, पाली, जोधपुर, सिरोही, जैसलमेर, बीकानेर समेत अन्य जिलों से हैं। समाज की करीब 90 दुकानें हैं। समाज के अधिकांश लोग किराणे, रेडिमेड गारमेन्ट, जींस मैन्युफैक्चरिंग, मिठाई, कैटर्स, इलेक्ट्रिकल्स समेत अन्य व्यवसाय में है।
80 साल से समाज के लोगों के आने का क्रम
ऐसा बताते हैं कि समाज के गणेश बीरबलसर साल 1945 में बल्लारी आ गए थे। उदयचन्द सामूजा करीब 55 वर्ष पहले तथा प्रताप सिंह मादा करीब 50 वर्ष पहले बल्लारी आए। समाज के प्रताप सिंह मादा गौशाला के अध्यक्ष के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। विष्णु समाज के दो बार अध्यक्ष रहे। गोरधनसिंह घड़ोई विश्व हिन्दू परिषद के नगर अध्यक्ष एवं आरएसएस के नगर कार्यवाह रह चुके हैं। समाज के लोगों का स्थानीय लोगों के साथ ही मधुर संबंध है। आपस में मिलजुलकर रहते हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनते हैं।
ऐसा बताते हैं कि समाज के गणेश बीरबलसर साल 1945 में बल्लारी आ गए थे। उदयचन्द सामूजा करीब 55 वर्ष पहले तथा प्रताप सिंह मादा करीब 50 वर्ष पहले बल्लारी आए। समाज के प्रताप सिंह मादा गौशाला के अध्यक्ष के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। विष्णु समाज के दो बार अध्यक्ष रहे। गोरधनसिंह घड़ोई विश्व हिन्दू परिषद के नगर अध्यक्ष एवं आरएसएस के नगर कार्यवाह रह चुके हैं। समाज के लोगों का स्थानीय लोगों के साथ ही मधुर संबंध है। आपस में मिलजुलकर रहते हैं और एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनते हैं।
हर पूर्णिमा को भजन-कीर्तन
राजपुरोहित समाज के महिला मंडल की ओर से हर पूर्णिमा को भजन-कीर्तन का कार्यक्रम रखा जाता है। भजन-कीर्तन के दौरान गायों की सेवा के लिए सहयोग राशि भी इकट्ठी की जाती है। मंडल की ओर से गौशाला में चारा काटने की मशीनें उपलब्ध करवाई गई।
राजपुरोहित समाज के महिला मंडल की ओर से हर पूर्णिमा को भजन-कीर्तन का कार्यक्रम रखा जाता है। भजन-कीर्तन के दौरान गायों की सेवा के लिए सहयोग राशि भी इकट्ठी की जाती है। मंडल की ओर से गौशाला में चारा काटने की मशीनें उपलब्ध करवाई गई।