हुबली

मोबाइल बिगाड़ रहा, परिवार में टूट का कारण, सेहत पर भी प्रतिकूल असर

साध्वी मंगल ज्योति, साध्वी विकास ज्योति, साध्वी ऋजु प्रज्ञा, साध्वी नैतिकश्री एवं साध्वी मौलिकश्री से विशेष बातचीत

हुबलीNov 06, 2024 / 06:11 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

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मोबाइल हमारे जीवन को बिगाड़ रहा है। मोबाइल के पहले हमारे जीवन में जो सुख-शांति थी, वह अब नहीं। मोबाइल के आने के बाद परिवार में टूट अधिक होने लगी है। इसका स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। मोबाइल में हम इतना अधिक समय गंवा देते हैं कि हम खुद एवं परिवार को समय देना ही भूल जाते हैं। मोबाइल से लगातार अधिक समय तक जुड़े रहना किसी भी तरह से उचित नहीं है। शिवमोग्गा (कर्नाटक) में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी मंगल ज्योति, साध्वी विकास ज्योति, साध्वी ऋजु प्रज्ञा, साध्वी नैतिकश्री एवं साध्वी मौलिकश्री ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल: श्रावक-श्राविकाओं का धर्म के प्रति कितना लगाव है?
साध्वी:
धर्म-ध्यान के प्रति श्रावक-श्राविकाओं का जुड़ाव लगातार बढ़ रहा है। व्रत-उपवास भी लगातार हो रहे हैं। खास बात यह है कि श्रावक-श्राविकाएं समय के पाबंदी है। धर्म के प्रति अच्छा लगाव है।
सवाल: वर्तमान समय में संस्कारों में बढ़ोतरी कैसे हो सकती है?
साध्वी:
संस्कार बहुत जरूरी है। ऐसे में मौजूदा दौर में संस्कारशालाओं की जरूरत है। इनके जरिए नई पौध में संस्कारों का बीजारोपण संभव है।
सवाल: संस्कारों की कमी के क्या कारण हो सकते हैं?
साध्वी:
मोबाइल ने न केवल हमारे संस्कारों को छीना है बल्कि परिवारों के टूटने का कारण भी आजकल मोबाइल ही बन रहा है। ऐसे में कोशिश यही हो कि मोबाइल से जितना दूर रह सकें इससे दूर ही रहें। मोबाइल का सदुपयोग कम और दुरुपयोग अधिक हो रहा है।
सवाल: युवा पीढ़ी में धर्म के प्रति झुकाव कैसे बढ़ा सकते हैं?
साध्वी:
साधु-संत तो लगातार धर्म की अलख जगाते ही है। चातुर्मास के चार महीनों में जरूर अधिक लोग जुड़ते हैं। लेकिन सालभर भी धर्म का प्रचार-प्रसार होता है।
सवाल: आजकल दिखावे के लिए हौड़ लगी है, यह कितना उचित है?
साध्वी:
आज जिस तरह से दिखावे एवं आडम्बर की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यह अच्छी बात नहीं है। हमें दिखावा कम से कम करने का प्रयास करना चाहिए। आडम्बरों से हो सके जितना दूर ही रहें।
सवाल: लोगों में सहनशक्ति कम होती जा रही है, ऐसा क्यों?
साध्वी:
आजकल की नई पीढ़ी में सहनशक्ति कम होती जा रही है। इसके लिए माता-पिता भी बराबर के दोषी है। बच्चों पर हम निगरानी रखें। यह ध्यान रहें कि बच्चे की संगति कैसी है।
सवाल: छोटी उम्र में ही व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रसित रहने लगा है, इसके क्या कारण है?
साध्वी:
निसंदेह आजकल छोटी उम्र में ही बीमारियां घेर लेती हैं। इसका एक प्रमुख कारण हमारे खानपान में बदलाव होना है। सात्विक भोजन कम हो गया है। हम बाजारी भोजन पर अधिक निर्भर रहने लग गए हैं। ऐसे में हम कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित रहने लग गए हैं।

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