राजस्थान में अमृता देवी के नाम पर महिला पुलिस बटालियन स्थापित करने का विश्नोई समाज के साथ ही प्रवासियों ने स्वागत किया है। राजस्थान सरकार ने हॉल ही इसके लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी की है। इसका मुख्यालय बाड़मेर रखा जाएगा। अमृता देवी महिला बटालियन राजस्थान की तीन नई महिला सशस्त्र बटालियन में से एक है। इन तीनों बटालियन के नाम प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर रखे गए हैं। इनमें अमृता देवी महिला बटालियन बाड़मेर, पद्मिनी महिला बटालियन सीकर और काली बाई महिला बटालियन अलवर शामिल है। राजस्थान सरकार ने पुलिस भर्ती में आरक्षण 30 से 33 फीसदी करने के बाद इन तीनों बटालियन की स्थापना की घोषणा की थी। अमृता देवी राजस्थान के जोधपुर जिले के खेजड़ली की रहने वाली थीं। खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए उन्होंने अपनी जान दे दी थी। अमृता देवी के नाम पर कई पुरस्कार भी शुरू किए गए हैं जिसमें से एक अमृता देवी विश्नोई वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारत सरकार वन्यजीव संरक्षण के लिए देती है। इसमें वन्यजीव संरक्षण में योगदान करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को एक लाख रुपए नकद दिए जाते हैं। अमृता देवी विश्नोई स्मृति पुरस्कार राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग द्वारा जंगली जानवरों के संरक्षण में योगदान के लिए दिया जाता है। इसमें नकद 25 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। साल 1978 से खेजड़ली दिवस मनाया जा रहा है। भाद्रपद दशमी को हर साल खेजड़ली का मेला अमृता देवी की याद में लगता है।
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महिला सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा जालोर जिले के चोरा निवासी एवं हुब्बल्ली प्रवासी दीपेश साहू विश्नोई ने कहा कि माता अमृता देवी दुनिया में त्याग और बलिदान की मिसाल है। वन एवं पेड़ों को बचाने के लिए उनका बलिदान दुनिया में एक अलग पहचान रखता है और दुनिया को बड़ी सीख देता है कि किस प्रकार से पर्यावरण-संरक्षण के लिए आंदोलन किया गया। राजस्थान सरकार द्वारा अमृता देवी पुलिस बटालियन की पहल से निश्चित ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि माता अमृता देवी ने पर्यावरण के क्षेत्र में बहुत काम किया है। इस बटालियन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलने से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
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ऐतिहासिक व सराहनीय कदम बाड़मेर जिले के रामजी का गोल निवासी एवं हुब्बल्ली प्रवासी ओमप्रकाश डारा ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा अमृता देवी के नाम पर बटालियन बनाना निश्चित ही पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और सराहनीय कदम है। अमृता देवी और उनके साथियों द्वारा खेजड़ली में अदम्य साहस और पर्यावरण के प्रति समर्पण ने सदियों से लोगों को प्रेरित किया है। अमृता देवी ने पेड़ों को बचाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। उनका यह बलिदान न केवल राजस्थान बल्कि पूरे विश्व के लिए पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बन हुआ है।
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बटालियन पर्यावरण संरक्षण के लिए भी मॉडल बनेगी जोधपुर जिले के लाम्बा निवासी एवं कोप्पल प्रवासी सुनील विश्नोई ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा अमृता देवी पुलिस बटालियन का गठन एक सराहनीय कदम है। यह बटालियन न केवल अमृता देवी के बलिदान को याद रखेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी एक नई शुरुआत होगी। आशा है कि यह बटालियन पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मॉडल बनेगी और अन्य राज्य भी इस तरह की पहल करेंगे। हम सभी मिलकर अमृता देवी के सपने को साकार करने के लिए काम करें और एक स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण बनाएं।