हुबली

रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की पहल, स्नेह मिलन में झलकी सिवाना की बहु-बेटियों की खुशी

गढ़ सिवाना की बहू-बेटियां का स्नेह मिलन, स्नात्र महोत्सव एवं क्षमापना दिवस

हुबलीOct 03, 2024 / 08:03 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

दादावाड़ी में आयोजित गढ़ सिवाना की बहू-बेटियों के स्नेह मिलन समारोह में शामिल बहू-बेटियां।

जीयो और जीने दो तथा अहिंसा परमो: धर्म के भगवान महावीर संदेश को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ जब सिवाना की बहू-बेटियां मिलीं तो रिश्तों की डोर और गहरी हो गई। गढ़ सिवाना की बहू-बेटियों के स्नेह मिलन के साथ ही स्नात्र महोत्सव एवं क्षमापना दिवस समारोह में बहू-बेटियों की खुशी झलकी। सिवाना की बहू-बेटियों की ओर से हुब्बल्ली (कर्नाटक) के आदिनाथ जिन मंदिर दादावाड़ी में आयोजित स्नात्र महोत्सव में विशेष भक्ति की सरिता प्रवाहित हुई। बहू-बेटियों ने हर्ष व उल्लास के साथ स्नात्र पूजा करवाई। इस दौरान भगवान की पूजा समेत अन्य आयोजन हुए। दादावाड़ी कुशल भवन में सिवाना की बहुओं का दूसरा स्नेह मिलन हुआ।
लगातार किए जा रहे जीवदया के कार्य
गढ़ सिवाना की बहु-बेटी संस्था की संस्थापक सदस्य ममता कानूंगा ने कार्यों का विवरण पेश करते हुए कहा कि गढ़ सिवाना की बहुओं संस्था की शुरुआत 5 सितम्बर 2022 को हुई। 35 सदस्यों के साथ शुरू हुई संस्था में दो साल में 150 महिलाएं सदस्य बनीं। इसके तहत धार्मिक, सामाजिक व जीवदया के कार्य निरन्तर किए जा रहे हैं। इसके साथ ही 11 जनवरी 2024 को गढ़ सिवाना की बेटियों संस्था की शुरुआत की गई। इसमें 190 सदस्य है। इसके तहत हर अमावस्या को जीवदया का कार्य किया जाता है। कबूतरदाना, गौशाला, गायों को छुड़ाने, गायों के ऑपरेशन, गायों को चारा-पानी, कुत्तों का इलाज समेत अन्य सेवा कार्य लगातार किए जा रहे हैं। संस्था की सदस्य ममता कानूंगा, संचल मेहता, अनीता रांका, कांता छाजेड़, सुरेखा बाफना, ललिता संकलेचा एवं मंजू ओस्तवाल समेत अन्य ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
आपसी मेलजोल बढ़ाने की भावना
मातृभूमि गढ़ सिवाना की बहुएं संस्था की सदस्य संचल मेहता ने कहा कि आपसी मेलजोल बढ़ाने एवं परिचय को लेकर गठित मातृभूमि गढ़ सिवाना की बहुएं संस्था कई धार्मिक, जीवदया एवं मनोरंजन के कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। इस संस्था की स्थापना का उद्देश्य यही था कि हुब्बल्ली में सिवाना की कितनी बहुएं हैं, उनसे सामंजस्य कैसे बना रहे। आपस मेंं एक-दूसरे का परिचय व मिलन हो सके। हम एक-दूसरे को जान सकें। हमारी सोच यही है कि हर साल अलग-अलग आयोजन हो जिसमें सभी की सहभागिता रहे। जीवदया के कार्यक्रमों के माध्यम से हमारी यही कोशिश रहती है कि जितना हो सके हम जीवदया व धर्म के कार्यों को और आगे ले जाएं। हर अमावस्या एवं अन्य प्रमुख अवसरों पर गौशाला में जाकर गायों की सेवा की जा रही है। गायों को गुड़, लापसी, हरा चारा खिलाया जाता है। कबूतरों को नियमित रूप से दाना-पानी दिया जा रहा है। इसी तरह अन्य पशु-पक्षियों की सेवा के कार्य भी लगातार किए जा रहे हैं।
समारोह में शामिल हुए गणमान्य लोग
समारोह में दादावाड़ी ट्रस्ट के सिवाना मूल के ट्रस्टी भी शामिल हुए। प्रवीण बागरेचा, मनीष मेहता, महेन्द्र मुणोत, जवाहर छाजेड़, दादावाड़ी के ट्रस्टी बाबूलाल संकलेचा, मोहनलाल बाफना, प्रकाश छाजेड़, अशोक छाजेड़, पिंटू बागरेचा, अमित बागरेचा भी उपस्थित थे। समारोह का संचालन जीनल कानूंगा एवं रितू मुणोत ने किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत की गई।

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