अवसर था 15 दिवसीय श्रीमद्भागवत, रामायण एवं नानी बाई के मायरे का। रविवार को यहां गब्बुर गली स्थित श्री रामदेव मंदिर परिसर में कथा के पांचवे दिन उदयपुर से आए कथावाचक पुष्करदास महाराज ने कथा के बीच में भजनों की प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कई महिलाएं तो कथा व भजनों के साथ इतनी तल्लीन हो गई कि वे नाचने पर मजबूर हो गई।
श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा का श्रवण कराते हुए कथावाचक पुष्करदास महाराज ने कहा कि जिसको भगवान से प्रीत हैं वो कथा में आते हैं। भागवत प्रेम का ग्रन्थ हैं। प्रीत का ग्रन्थ है। भागवत का एक नाम प्रेमसागर भी दिया गया है। भागवत का मतलब जो भगवान का हो गया। उन्होंने कहा कि हमारे दुख का कारण मोह है। आसक्ति है।
कथावाचक पुष्करदास ने अपने मुखारविंद से श्रीमद्भागवत महिमा का रसास्वादन कराते हुए कहा कि भक्तों को ईश्वर से आनन्द आता है। भक्तों को भगवान जगाते हैं और संसारी लोगों को माया जगाती है। साधु प्रवृत्ति यही कहती है कि सबका भला हो। श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत एवं सचिव मालाराम देवासी ने बताया कि कथा में प्रतिदिन रोचक शैली एवं विभिन्न उदाहरणों के जरिए सरल भाषा में बताया जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों से प्रवासी बंधु कथा में शामिल होकर कथा का श्रवण कर रहे हैं। कथा रोजाना सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक चल रही है।