पशुओं का संरक्षण जरूरी
हमारी धरती पर पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। पशुओं का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि उनके जीवन और अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए भी अनिवार्य है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पशुओं के अधिकारों और कल्याण की दिशा में जागरुकता बढ़ाना है ताकि सभी जानवरों को एक बेहतर जीवन मिल सके। भारतीय संस्कृति में भी पशुओं को हमेशा से विशेष स्थान दिया गया है, चाहे वह धार्मिक रूप से हो या सामाजिक रूप से। इसके बावजूद तेजी से हो रहे शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और वनों की कटाई के कारण पशुओं के लिए खतरे बढ़ रहे हैं। भारत में आज कई प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं और इनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। भारत सरकार ने पशु कल्याण और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें केंद्र और राज्य स्तर पर कई योजनाएं और नीतियां लागू की गई है, जिनका मुख्य उद्देश्य पशुओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
हमारी धरती पर पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण घटक होते हैं। पशुओं का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है, बल्कि उनके जीवन और अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए भी अनिवार्य है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पशुओं के अधिकारों और कल्याण की दिशा में जागरुकता बढ़ाना है ताकि सभी जानवरों को एक बेहतर जीवन मिल सके। भारतीय संस्कृति में भी पशुओं को हमेशा से विशेष स्थान दिया गया है, चाहे वह धार्मिक रूप से हो या सामाजिक रूप से। इसके बावजूद तेजी से हो रहे शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और वनों की कटाई के कारण पशुओं के लिए खतरे बढ़ रहे हैं। भारत में आज कई प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर हैं और इनके संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। भारत सरकार ने पशु कल्याण और संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें केंद्र और राज्य स्तर पर कई योजनाएं और नीतियां लागू की गई है, जिनका मुख्य उद्देश्य पशुओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
पशु कल्याण और संरक्षण के लिए जागरूक हों
वर्तमान समय में तेजी से बदलते पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों के बीच पशुओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुरक्षा अनिवार्य है। भारत सरकार और राज्य सरकारें इस दिशा में कई योजनाओं और कानूनों के माध्यम से कार्य कर रही हैं लेकिन आम जनता की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी अपने स्तर पर पशु कल्याण और संरक्षण के लिए जागरूक हों और आवश्यक कदम उठाएं। यह जिम्मेदारी न केवल सरकारों और संस्थाओं की है बल्कि हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह पशुओं के अधिकारों की रक्षा में योगदान दे। हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके भी पशु कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
वर्तमान समय में तेजी से बदलते पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों के बीच पशुओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुरक्षा अनिवार्य है। भारत सरकार और राज्य सरकारें इस दिशा में कई योजनाओं और कानूनों के माध्यम से कार्य कर रही हैं लेकिन आम जनता की भागीदारी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी अपने स्तर पर पशु कल्याण और संरक्षण के लिए जागरूक हों और आवश्यक कदम उठाएं। यह जिम्मेदारी न केवल सरकारों और संस्थाओं की है बल्कि हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह पशुओं के अधिकारों की रक्षा में योगदान दे। हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करके भी पशु कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
पशु चिकित्सकों की सेवाएं
पीपल फॉर एनिमल्स हुब्बल्ली के अध्यक्ष तेजराज जैन ने बताया कि वर्तमान में संस्था के परिसर में करीब 65 कुत्ते हैं। इसके साथ ही अन्य जानवर हैैै। जानवरों को रोजाना तीन समय खाना खिलाया जाता है। जानवरों के लिए शेड लगाकर आवास का निर्माण किया गया है। एक समय इसी जगह पर गौशाला का संचालन किया जा रहा था। कई ऐसे पालतु कुत्ते भी हैं जिन्हें उनके मालिक बीमार होने पर आवारा छोड़ देते हैं। ऐसे कुत्तों का भी उपचार करवाया जाता है। यहां पशु चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। संस्था के पास एक एम्बुलेंस भी है। मृत पशुओंंं के लिए मुक्तिधाम बना है। जहां उनका दाह संस्कार कर दिया जाता है।
पीपल फॉर एनिमल्स हुब्बल्ली के अध्यक्ष तेजराज जैन ने बताया कि वर्तमान में संस्था के परिसर में करीब 65 कुत्ते हैं। इसके साथ ही अन्य जानवर हैैै। जानवरों को रोजाना तीन समय खाना खिलाया जाता है। जानवरों के लिए शेड लगाकर आवास का निर्माण किया गया है। एक समय इसी जगह पर गौशाला का संचालन किया जा रहा था। कई ऐसे पालतु कुत्ते भी हैं जिन्हें उनके मालिक बीमार होने पर आवारा छोड़ देते हैं। ऐसे कुत्तों का भी उपचार करवाया जाता है। यहां पशु चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है। संस्था के पास एक एम्बुलेंस भी है। मृत पशुओंंं के लिए मुक्तिधाम बना है। जहां उनका दाह संस्कार कर दिया जाता है।
बढ़ रही जागरुकता
पीपल फॉर एनिमल्स हुब्बल्ली के सचिव विक्की सिंह कपूर ने बताया कि पहले की तुलना में मौजूदा समय में लोगों में जागरुकता बढ़ी है। न केवल हुब्बल्ली बल्कि आसपास के इलाकों से भी कई बार दुर्घटना में घायल या बीमार जानवरों के संबंध में सूचना मिलती है। ऐसे जानवरों की समय पर मदद का प्रयास किया जाता है। इन जानवरों का इलाज पूरा होने के बाद उन्हें वापस वहींं छोड़ दिया जाता है जहां से लाए गए थे। इनमें सबसे अधिक कुत्तों का उपचार किया गया है। इसके अलावा घोड़ों, पक्षी, गाय व बछड़ों, बिल्लियां, मोर, बन्दरों का भी उपचार किया गया है।
पीपल फॉर एनिमल्स हुब्बल्ली के सचिव विक्की सिंह कपूर ने बताया कि पहले की तुलना में मौजूदा समय में लोगों में जागरुकता बढ़ी है। न केवल हुब्बल्ली बल्कि आसपास के इलाकों से भी कई बार दुर्घटना में घायल या बीमार जानवरों के संबंध में सूचना मिलती है। ऐसे जानवरों की समय पर मदद का प्रयास किया जाता है। इन जानवरों का इलाज पूरा होने के बाद उन्हें वापस वहींं छोड़ दिया जाता है जहां से लाए गए थे। इनमें सबसे अधिक कुत्तों का उपचार किया गया है। इसके अलावा घोड़ों, पक्षी, गाय व बछड़ों, बिल्लियां, मोर, बन्दरों का भी उपचार किया गया है।
संस्था के पदाधिकारी
पीपल फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष तेजराज जैन, उपाध्यक्ष अरविन्द तेलीसरा, सचिव विक्की राज सिंह कपूर, सह सचिव अभय जैन, कोषाध्यक्ष योगिता विक्की कपूर एवं संयुक्त कोषाध्यक्ष विकास लूंकड़ है। इसके साथ ही राजेन्द्र सुराणा, मनोज वेदमूथा, सुरेश बागरेचा, धनराज मुणोत, रोहित पाटिल, प्रमोदिनी शेेट्टी, लक्ष्मी वेणुगोपाल, सचिन माहेश्वरी एवं संजय मलगी निदेशक है।
पीपल फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष तेजराज जैन, उपाध्यक्ष अरविन्द तेलीसरा, सचिव विक्की राज सिंह कपूर, सह सचिव अभय जैन, कोषाध्यक्ष योगिता विक्की कपूर एवं संयुक्त कोषाध्यक्ष विकास लूंकड़ है। इसके साथ ही राजेन्द्र सुराणा, मनोज वेदमूथा, सुरेश बागरेचा, धनराज मुणोत, रोहित पाटिल, प्रमोदिनी शेेट्टी, लक्ष्मी वेणुगोपाल, सचिन माहेश्वरी एवं संजय मलगी निदेशक है।