कर्नाटक में भाजपा के उग्र हिंदुत्व चेहरे हेगड़े ने पहली बार 2017 में संविधान बदलने की बात कही थी, जब वह पहली नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने कहा था, हम संविधान बदलने के लिए यहां हैं। हंगामे के बाद हेगड़े ने लोकसभा में माफी मांगी। सात साल बाद इस साल मार्च में लोकसभा चुनावों की घोषणा से ठीक पहले छह बार के सांसद हेगड़े ने फिर से ऐसा किया। इस बार उन्होंने संविधान में संशोधन करने के लिए भाजपा के लिए दो-तिहाई बहुमत मांगा। जिसके बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान को विकृत किया है। हेगड़े को टिकट नहीं दिया गया लेकिन भाजपा को पता भी नहीं चला, उससे पहले ही भारत के विभिन्न हिस्सों में उसके कई लोकसभा उम्मीदवारों ने हेगड़े के दावे को दोहराना शुरू कर दिया। इसमें भाजपा के अयोध्या से मौजूदा सांसद लल्लू सिंह भी शामिल थे, जो हार गए। तीसरे चरण के मतदान के बाद ही भाजपा को समस्या का एहसास हुआ। मोदी और शाह जैसे लोगों ने नुकसान की भरपाई की। 400 पार का आह्वान एक स्पष्ट दिशा थी जिसका अनुसरण भाजपा संविधान को बदलने के लिए कर रही थी। और इतने सारे भाजपा उम्मीदवारों ने इसे आवाज़ दी। भाजपा ने तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जब तक बहुत देर हो चुकी थी।