अधिकांश शिक्षक भी नेत्रहीन
नेत्रहीन पढऩे एवं लिखने के लिए ब्रेल लिपि का इस्तेमाल करते हैं। ब्रेल नेत्रहीनों के लिए पढऩे और लिखने के लिए एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें एक विशेष प्रकार के कागज का प्रयोग किया जाता है, जिस पर लगे बिन्दुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। ये नेत्रहीन छात्र ब्रेल लिपि की मदद से आसानी से पढ़-लिख लेते हैं। ब्रेल में उभरे हुए 1 से 6 बिन्दुओं की यह एक व्यवस्था या प्रणाली होती है, जिसमें बिन्दु अक्षर, संख्या और संगीत व गणितीय चिन्हों के संकेतकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लुई ब्रेल ने केवल तीन साल की उम्र में ही एक दुर्घटना के कारण अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो दी थी।आंखें सक्रमित होने के कारण उनकी आंखों की दृष्टि पूरी तरह चली गई थी लेकिन दृष्टिहीनता के बावजूद उन्होंने अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समय के साथ तकनीकी युग में ब्रेल लिपि में कुछ बदलाव होते रहे हैं और अब ब्रेल लिपि कम्प्यूटर तक भी पहुंच गई है। ब्रेल लिपि ने विश्वभर में दृष्टिहीनों तथा आंशिक रूप से नेत्रहीनों की जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है।
नेत्रहीन पढऩे एवं लिखने के लिए ब्रेल लिपि का इस्तेमाल करते हैं। ब्रेल नेत्रहीनों के लिए पढऩे और लिखने के लिए एक स्पर्शनीय कोड है। इसमें एक विशेष प्रकार के कागज का प्रयोग किया जाता है, जिस पर लगे बिन्दुओं को छूकर पढ़ा जा सकता है। ये नेत्रहीन छात्र ब्रेल लिपि की मदद से आसानी से पढ़-लिख लेते हैं। ब्रेल में उभरे हुए 1 से 6 बिन्दुओं की यह एक व्यवस्था या प्रणाली होती है, जिसमें बिन्दु अक्षर, संख्या और संगीत व गणितीय चिन्हों के संकेतकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लुई ब्रेल ने केवल तीन साल की उम्र में ही एक दुर्घटना के कारण अपनी दोनों आंखों की रोशनी खो दी थी।आंखें सक्रमित होने के कारण उनकी आंखों की दृष्टि पूरी तरह चली गई थी लेकिन दृष्टिहीनता के बावजूद उन्होंने अकादमिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। समय के साथ तकनीकी युग में ब्रेल लिपि में कुछ बदलाव होते रहे हैं और अब ब्रेल लिपि कम्प्यूटर तक भी पहुंच गई है। ब्रेल लिपि ने विश्वभर में दृष्टिहीनों तथा आंशिक रूप से नेत्रहीनों की जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है।
नवकार मंत्र व प्रार्थना के साथ शुरुआत
प्रारम्भ में राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी। सवेरा सोशल ग्रुप की अध्यक्ष इन्द्रा पालरेचा मोकलसर ने भविष्य में भी इसी तरह के सहयोग का भरोसा दिया। स्कूल की प्रधानाध्यापिका विद्या बाकले ने आभार ज्ञापित किया। प्रार्थना गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सवेरा सोशल ग्रुप की सदस्याओं ने नवकार मंत्र पढ़ा। स्कूल के सभी विद्यार्थियों को फल, बिस्किट एवं चॉकलेट का वितरण किया गया। वहीं विद्यार्थियों के लिए खेल सामग्री भेंट की गई।
प्रारम्भ में राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी। सवेरा सोशल ग्रुप की अध्यक्ष इन्द्रा पालरेचा मोकलसर ने भविष्य में भी इसी तरह के सहयोग का भरोसा दिया। स्कूल की प्रधानाध्यापिका विद्या बाकले ने आभार ज्ञापित किया। प्रार्थना गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। सवेरा सोशल ग्रुप की सदस्याओं ने नवकार मंत्र पढ़ा। स्कूल के सभी विद्यार्थियों को फल, बिस्किट एवं चॉकलेट का वितरण किया गया। वहीं विद्यार्थियों के लिए खेल सामग्री भेंट की गई।
ये थी उपस्थित
इस अवसर पर सवेरा सोशल ग्रुप की अध्यक्ष इन्द्रा पालरेचा मोकलसर, सचिव संतोष ओस्तवाल सिवाना, कोषाध्यक्ष जुगना ओस्तवाल सिवाना के साथ ही ग्रुप की सदस्य कविता एस. बाफना मोकलसर, लता ओस्तवाल सिवाना, सुशीला बाफना मोकलसर, संगीता पी. ओस्तवाल सिवाना, संगीता के. ओस्तवाल सिवाना, अनीता रांका सिवाना, रक्षा बाफना मोकलसर एवं शीला ओस्तवाल सिवाना उपस्थित थीं।
इस अवसर पर सवेरा सोशल ग्रुप की अध्यक्ष इन्द्रा पालरेचा मोकलसर, सचिव संतोष ओस्तवाल सिवाना, कोषाध्यक्ष जुगना ओस्तवाल सिवाना के साथ ही ग्रुप की सदस्य कविता एस. बाफना मोकलसर, लता ओस्तवाल सिवाना, सुशीला बाफना मोकलसर, संगीता पी. ओस्तवाल सिवाना, संगीता के. ओस्तवाल सिवाना, अनीता रांका सिवाना, रक्षा बाफना मोकलसर एवं शीला ओस्तवाल सिवाना उपस्थित थीं।
लिया प्रतियोगिता में हिस्सा
इस मौके पर गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पांचवी कक्षा की रेणुश्री ने भावगीत, चौथी कक्षा की खुशी ने देशभक्ति गीत, आठवीं कक्षा की सुमा ने भक्तिगीत, निर्मला ने भक्तिगीत एवं प्रेरणा ने भाव गीत की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही आठवीं कक्षा के राकेश, छठी कक्षा की सुमित्रा, नवीं कक्षा के निरुपमा, मंजू, निरंजन, अम्बरेश एवं अरुणा ने प्रस्तुति दी। दसवीं कक्षा के पार्थसारथी, धनमिश, भीमा, हरिहा, लक्ष्मी, प्रियंका एवं दिव्या ने भी गीत प्रस्तुत किया।
इस मौके पर गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पांचवी कक्षा की रेणुश्री ने भावगीत, चौथी कक्षा की खुशी ने देशभक्ति गीत, आठवीं कक्षा की सुमा ने भक्तिगीत, निर्मला ने भक्तिगीत एवं प्रेरणा ने भाव गीत की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही आठवीं कक्षा के राकेश, छठी कक्षा की सुमित्रा, नवीं कक्षा के निरुपमा, मंजू, निरंजन, अम्बरेश एवं अरुणा ने प्रस्तुति दी। दसवीं कक्षा के पार्थसारथी, धनमिश, भीमा, हरिहा, लक्ष्मी, प्रियंका एवं दिव्या ने भी गीत प्रस्तुत किया।