समाज की एकता का संकल्प दोहराया
इस अवसर पर समाज के लोगों ने संगठित रहने एवं एकजुटता के साथ आगे बढऩे का आह्वान किया। इसके साथ ही समाज की सभ्यता एवं संस्कृति को बनाए रखने की बात कही गई। त्योहारों के महत्व एवं भारतीय संस्कृति में इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। साथ ही शिक्षा पर विशेष बल दिया गया। समाज की एकता व सौहार्द की मजबूती का संकल्प दोहराया गया। अपने संस्कारों एवं राजपूत समाज के गौरव को हमेशा याद कर अपने इतिहास को जीवित रखने पर जोर दिया।
इस अवसर पर समाज के लोगों ने संगठित रहने एवं एकजुटता के साथ आगे बढऩे का आह्वान किया। इसके साथ ही समाज की सभ्यता एवं संस्कृति को बनाए रखने की बात कही गई। त्योहारों के महत्व एवं भारतीय संस्कृति में इसकी उपयोगिता के बारे में बताया। साथ ही शिक्षा पर विशेष बल दिया गया। समाज की एकता व सौहार्द की मजबूती का संकल्प दोहराया गया। अपने संस्कारों एवं राजपूत समाज के गौरव को हमेशा याद कर अपने इतिहास को जीवित रखने पर जोर दिया।
परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा में शामिल हुई महिलाएं
राजस्थान राजपूत समाज संघ की ओर से हर साल स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है। समारोह की शुरुआत आरती के साथ हुई। दोपहर में प्रसादी रखी गई। इस अवसर पर प्रवासी समाज के गणमान्य लोगों का भी सम्मान किया गया। समाज की महिलाएं परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा में शामिल हुई।
राजस्थान राजपूत समाज संघ की ओर से हर साल स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है। समारोह की शुरुआत आरती के साथ हुई। दोपहर में प्रसादी रखी गई। इस अवसर पर प्रवासी समाज के गणमान्य लोगों का भी सम्मान किया गया। समाज की महिलाएं परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा में शामिल हुई।
कई गणमान्य लोग थे उपस्थित
संघ के अध्यक्ष पर्बतसिंह खींची वरिया, उपाध्यक्ष भवानीसिंह राठौड़, सचिव सांगसिंह महेचा, कोषाध्यक्ष खेतसिंह राठौड़ समेत अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। समारोह में राजपूत समाज के साथ ही विभिन्न प्रवासी समाज के गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।
संघ के अध्यक्ष पर्बतसिंह खींची वरिया, उपाध्यक्ष भवानीसिंह राठौड़, सचिव सांगसिंह महेचा, कोषाध्यक्ष खेतसिंह राठौड़ समेत अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे। समारोह में राजपूत समाज के साथ ही विभिन्न प्रवासी समाज के गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।