श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के तत्वावधान में आयोजित कथा के दौरान बीच-बीच में भजनों की प्रस्तुति भी दी गई। भक्तों ने भी सुर में सुर मिलाते हुए साथ दिया। भजनों की प्रस्तुति से माहौल भक्तिमय हो गया। उन्होंने तिलक एवं चरणामृत की महिमा बताई। एक दौर ऐसा भी था कि मंदिर की आरती के समय समूचा गांव इकट्ठा होता था। आजकल आरती में बहुत कम भक्त पहुंच रहे है। मंदिरों में नगाड़ा बजाने के लिए भी ऑटोमैटिक मशीनें लगा दी गई हैं। भगवान का चरणामृत लेने वालों की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। बदले खान-पान पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि कई बीमारियों की जड़ ही हमारा बदला खान-पान है। हमें सात्विक भोजन की तरफ फिर से अग्रसित होने की जरूरत है।
श्री रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत एवं सचिव मालाराम देवासी ने बताया कि श्रीमद्भागवत, रामकथा एवं नानी बाई का मायरा को लेकर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। शहर के विभिन्न स्थानों से भक्तगण कथा में पहुंच रहे हैं। कथा में प्रतिदिन संगीतमय शैली के साथ जीवन व्यवहार की बातें भी बताई जा रही है। कथा प्रतिदिन सुबह 9 बजे से सुबह11 बजे तक चल रही है।