2004 में बना आराधना भवन
पाली जिले के सांडेराव निवासी कुन्दनमल साकरिया ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि मनसीबाई दीपचन्द जी साकरिया ट्रस्ट की ओर से वर्ष 2004 में मनसीबाई दीपचन्द जी साकरिया जैन आराधना भवन का निर्माण करवाया गया। बाद में विनय मुनि की प्रेरणा से वर्ष 2016 में इस भवन का नाम गुरु कमल कन्हैया साधना केन्द्र कर दिया गया। उनका सांडेराव से विशेष लगाव रहा है। तीन मंजिले भवन में दो बड़े हॉल एवं चार कमरे बने हुए हैं। यह भवन साधु-साध्वियों के साथ ही श्रावक-श्राविकाओं के लिए भी काम आ रहा है।
पाली जिले के सांडेराव निवासी कुन्दनमल साकरिया ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि मनसीबाई दीपचन्द जी साकरिया ट्रस्ट की ओर से वर्ष 2004 में मनसीबाई दीपचन्द जी साकरिया जैन आराधना भवन का निर्माण करवाया गया। बाद में विनय मुनि की प्रेरणा से वर्ष 2016 में इस भवन का नाम गुरु कमल कन्हैया साधना केन्द्र कर दिया गया। उनका सांडेराव से विशेष लगाव रहा है। तीन मंजिले भवन में दो बड़े हॉल एवं चार कमरे बने हुए हैं। यह भवन साधु-साध्वियों के साथ ही श्रावक-श्राविकाओं के लिए भी काम आ रहा है।
सिखा रहे आगम
पिछले बीस वर्ष से हुब्बल्ली आने वाले साधु-साध्वी यहां ठहरते हैं। समय-समय पर यहां व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। धार्मिक कक्षाएं भी लगती हैं। श्रावक मंडल एवं महिला मंडल की ओर से भी यहां धार्मिक कक्षाओं का संचालन किया जाता है। कक्षाएं रविवार को लगती है। प्रतिक्रमण के बारे में बताया जाता है। आगम सिखाते हैं। सामायिक, प्रतिक्रमण एवं स्वाध्याय रोज होता है।
पिछले बीस वर्ष से हुब्बल्ली आने वाले साधु-साध्वी यहां ठहरते हैं। समय-समय पर यहां व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। धार्मिक कक्षाएं भी लगती हैं। श्रावक मंडल एवं महिला मंडल की ओर से भी यहां धार्मिक कक्षाओं का संचालन किया जाता है। कक्षाएं रविवार को लगती है। प्रतिक्रमण के बारे में बताया जाता है। आगम सिखाते हैं। सामायिक, प्रतिक्रमण एवं स्वाध्याय रोज होता है।
रोज आठ घंटे सामायिक
कुन्दनमल साकरिया कई धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहकर सेवा कार्य कर रहे हैं। वे श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ हुब्बल्ली के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। साकरिया वर्ष 1962 में हुब्बल्ली आए। वे रोज सुबह 4.30 बजे उठ जाते हैं। प्रतिदिन 8 से 9 घंटे सामायिक करते हैं। अपने माता-पिता के नाम पर ही उन्होंने यहां आराधना भवन का निर्माण करवाया।
कुन्दनमल साकरिया कई धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहकर सेवा कार्य कर रहे हैं। वे श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ हुब्बल्ली के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। साकरिया वर्ष 1962 में हुब्बल्ली आए। वे रोज सुबह 4.30 बजे उठ जाते हैं। प्रतिदिन 8 से 9 घंटे सामायिक करते हैं। अपने माता-पिता के नाम पर ही उन्होंने यहां आराधना भवन का निर्माण करवाया।