आठ समाज अष्ठ सिद्धि के समान
हुब्बल्ली (कर्नाटक) में एयरपोर्ट के सामने स्थित त्रिलोक लान्स में आयोजित कार्यक्रम में भागवताचार्य ने कहा, श्रीमद्भागवतत गीता में सात सौ श्लोक है। पहला श्लोक धृतराष्ट्र ने बोला था। उन्होंने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि आज आठ समाज मिलकर यह भव्य आयोजन कर रहे हैं। आठ समाज अष्ठ सिद्धि है। अब यह समाज मिले हैं तो एक वज्र बनेगा। हम भगवान के नाम पर आज अलग-थलग हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सनातनी है तो दो चीजें होनी चाहिए। एक ललाट में तिलक होना चाहिए। दूसरा गले में माला होनी चाहिए। वैसे इस जगत में जो भी जीव है वह सनातनी है। क्योंकि सब भगवान नारायण से प्रकट हुए हैं। आजकल हमें ईश्वर से तो प्रेम हैं लेकिन ईश्वर की बनाई सृष्टि से प्रेम नहीं है। हम अपने परिवार के साथ बैठकर बात करें।
हुब्बल्ली (कर्नाटक) में एयरपोर्ट के सामने स्थित त्रिलोक लान्स में आयोजित कार्यक्रम में भागवताचार्य ने कहा, श्रीमद्भागवतत गीता में सात सौ श्लोक है। पहला श्लोक धृतराष्ट्र ने बोला था। उन्होंने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि आज आठ समाज मिलकर यह भव्य आयोजन कर रहे हैं। आठ समाज अष्ठ सिद्धि है। अब यह समाज मिले हैं तो एक वज्र बनेगा। हम भगवान के नाम पर आज अलग-थलग हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सनातनी है तो दो चीजें होनी चाहिए। एक ललाट में तिलक होना चाहिए। दूसरा गले में माला होनी चाहिए। वैसे इस जगत में जो भी जीव है वह सनातनी है। क्योंकि सब भगवान नारायण से प्रकट हुए हैं। आजकल हमें ईश्वर से तो प्रेम हैं लेकिन ईश्वर की बनाई सृष्टि से प्रेम नहीं है। हम अपने परिवार के साथ बैठकर बात करें।
विभिन्न समाजों के लोग हुए शामिल
मोटिवेशनल स्पीकर रमेश आंजणा ने संस्कारों के साथ ही परिवार की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने आध्यात्मिकता के पुट के साथ व्यक्तित्व विकास, जीवन में आगे बढऩे, सकारात्मक सोच समेत अन्य बातों को समाहित करते हुए अपना प्रेरक उद्बोधन दिया। जीओ गीता के संग, सीखो जीने का ढंंग नामक इस कार्यक्रम में अग्रवाल समाज, गुजराती समाज, माहेश्वरी समाज, पाटीदार समाज, पंजाबी समाज, राजस्थान ब्राह्मण समाज, रामदेव मरुधर समाज एवं सिंधी समाज के लोग शामिल हुए।
मोटिवेशनल स्पीकर रमेश आंजणा ने संस्कारों के साथ ही परिवार की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने आध्यात्मिकता के पुट के साथ व्यक्तित्व विकास, जीवन में आगे बढऩे, सकारात्मक सोच समेत अन्य बातों को समाहित करते हुए अपना प्रेरक उद्बोधन दिया। जीओ गीता के संग, सीखो जीने का ढंंग नामक इस कार्यक्रम में अग्रवाल समाज, गुजराती समाज, माहेश्वरी समाज, पाटीदार समाज, पंजाबी समाज, राजस्थान ब्राह्मण समाज, रामदेव मरुधर समाज एवं सिंधी समाज के लोग शामिल हुए।
व्यवस्थाओं में किया सहयोग
सनातन सेवा संगठन चैरिटेबल ट्रस्ट हुब्बल्ली के संस्थापक अध्यक्ष जीतेन्द्र मजेठिया, अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष दूदाराम चौधरी, सचिव अशोक गोयल, सह सचिव मालाराम देवासी, कोषाध्यक्ष अमृत पटेल के साथ बोर्ड ऑफ ट्रस्टिज कमल मेहता एवं नरेश शाह, सलाहकार समिति के सदस्य बाबूलाल सीरवी, गिरीश उपाध्याय, किशोर पटेल, कांतिलाल पुरोहित, रमण सिंघानिया, किशोर माकडिय़ा, चम्पालाल सोनी, बाबूलाल प्रजापत एवं मोहन सुथार के साथ ही युवा संगठन के चेयरमैन प्रशांत ठक्कर, को-चेयरमैन मनीष सेजपाल, गीता पथ दर्शन की पंजीयन एवं प्रशासन कमेटी के सदस्य विनय अग्रवाल, निकेत सिंघानिया, विवेक लड्डा, कानाराम चौध्ररी, मोहन देवासी, रोहित पटेल, चिंंंतन पटेल, रिड़मलसिंह सोलंंकी, कैलाश पोंडा, अतुल बाहेती, किरण ललवानी, कृष्ण कुमार चौधरी, वैभव भूतड़ा एवं लालाराम चौधरी समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
सनातन सेवा संगठन चैरिटेबल ट्रस्ट हुब्बल्ली के संस्थापक अध्यक्ष जीतेन्द्र मजेठिया, अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष दूदाराम चौधरी, सचिव अशोक गोयल, सह सचिव मालाराम देवासी, कोषाध्यक्ष अमृत पटेल के साथ बोर्ड ऑफ ट्रस्टिज कमल मेहता एवं नरेश शाह, सलाहकार समिति के सदस्य बाबूलाल सीरवी, गिरीश उपाध्याय, किशोर पटेल, कांतिलाल पुरोहित, रमण सिंघानिया, किशोर माकडिय़ा, चम्पालाल सोनी, बाबूलाल प्रजापत एवं मोहन सुथार के साथ ही युवा संगठन के चेयरमैन प्रशांत ठक्कर, को-चेयरमैन मनीष सेजपाल, गीता पथ दर्शन की पंजीयन एवं प्रशासन कमेटी के सदस्य विनय अग्रवाल, निकेत सिंघानिया, विवेक लड्डा, कानाराम चौध्ररी, मोहन देवासी, रोहित पटेल, चिंंंतन पटेल, रिड़मलसिंह सोलंंकी, कैलाश पोंडा, अतुल बाहेती, किरण ललवानी, कृष्ण कुमार चौधरी, वैभव भूतड़ा एवं लालाराम चौधरी समेत अन्य कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।