हुबली

मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा बाबा रामदेव का जीवन, सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए दिया महत्वपूर्ण योगदान

बाबा रामदेव जन्मोत्सव पर राजस्थान पत्रिका की मेजबानी में संगोष्ठी

हुबलीSep 13, 2024 / 08:20 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

बाबा रामदेव जन्मोत्सव के अवसर पर राजस्थान पत्रिका की मेजबानी में आयोजित संगोष्ठी में विचार रखते प्रवासी।

सामाजिक समरसता के संवाहक बाबा रामदेव का जीवन मानवता के कल्याण के लिए समर्पित रहा। बाबा रामदेव ने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने एवं सामाजिक समरसता स्थापित करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनका जीवन दीन-हीन लोगों की सेवा के लिए समर्पित रहा। हर साल भाद्रपद माह में रामदेव जयंती मनाई जाती है। शुक्रवार को बाबा रामदेव का जन्मोत्सव मनाया गया। यह पर्व राजस्थान के लोकदेवता माने गए बाबा रामदेव को समर्पित है। उनके चरित्र और कर्मों के कारण जनमानस ने उन्हें लोक देवता की पदवी से नवाजा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रामदेव जयंती भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी दूज को पड़ती है।
रामदेव चौदहवीं शताब्दी में पोकरण के शासक थे। उन्होंने अपना जीवन लोगों की मदद करने में ही निकाल दिया था। लोगों की मदद करना उनको सबसे ज्यादा अच्छा लगता था। यही वजह है कि राजस्थान में उनकी जयंती इतने उत्साह के साथ मनाई जाती है। कई मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान कृष्ण का अवतार भी माना जाता है और यह भी माना जाता है कि उनके पास चमत्कारी शक्तियां थीं। बाबा रामदेव के जन्मोत्सव पर राजस्थान पत्रिका की मेजबानी में हुब्बल्ली (कर्नाटक) में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान राजस्थान मूल के लोगों ने अपने विचार रखे। प्रस्तुत हैं उनके विचार:
जयंती पर धार्मिक आयोजन
गोलिया चौधरियान निवासी किशोर पटेल ने कहा, कर्नाटक में छत्तीस कौम के लोग बाबा रामदेव को पूजते हैं। प्रवासी समाज की ओर से बाबा रामदेव जयंती पर कई धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। राजस्थान से आने वाली भजन मंडलियां भजनों की प्रस्तुति देती है। हुब्बल्ली से कुंदगोल तक पैदल यात्रा निकाली जाती है।
पैदल जाते हैं रूणिचा
सिवाना निवासी रिड़मलसिंह सोलंकी ने कहा, बाबा रामदेव के प्रति लोगों की अटूट आस्था है। तमिलनाडु एवं कर्नाटक से राजस्थान तक पैदल यात्रा पर भक्तगण जाते हैं। कई भक्तगण साइकिल से रामदेवरा तक की यात्रा करते हैं। सच्चे मन से यदि मनोकामना की जाती है तो वह जरूर पूरी होती है।
पिछले तीन दशक से जागरण
ओडवाड़ा निवासी कांतिलाल पुरोहित ने कहा, मेरे परिवार की ओर से पिछले 32 साल से कर्नाटक में बाबा रामदेव का रात्रि जागरण रखा जा रहा है। पहले 18 साल तक बोम्मनहल्ली एवं इसके बाद हुब्बल्ली में हर साल जागरण का आयोजन किया जा रहा है। बाबा के प्रति आस्था से हर काम सफल होते हैं।
दक्षिण में भी आस्था
थलवाड़ निवासी उदाराम प्रजापत ने कहा, बाबा रामदेव के प्रति आस्था का ही परिणाम है कि कई भक्तगण उनसे जुड़े हुए हैं। हुब्बल्ली एवं कर्नाटक के अन्य हिस्सों मेें भी बाबा रामदेव के प्रति लोगों की बहुत बड़ी आस्था आज भी है। विभिन्न जगहों पर बाबा रामदेव के मंदिर बने हुए हैं।
कूट-कूट कर भरी है सेवाभावना
थोब निवासी दूदाराम चौधरी ने कहा, बाबा रामदेव के प्रति लोगों में आज भी सेवाभावना कूट-कूट कर भरी है। राजस्थान में रामदेवरा मेले के दौरान जातरुओं की सेवा की जाती है। विभिन्न जगहों पर भोजन प्रसादी की व्यवस्था की जाती है। इसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
बाबा का परचा आज भी
वरिया निवासी पर्बतसिंह खींची ने कहा, बाबा रामदेव का परचा आज भी है। न केवल राजस्थान बल्कि देश के कौने-कौने में बाबा रामदेव को लोग पूजते हैं। बाबा रामदेव ने कई बार परचे दिए। यही वजह है कि बाबा रामदेव को मानने वाले हर जगह है।
मनोकामना होती है पूरी
कोसेलाव निवासी धर्मेन्द्र माली ने कहा, बाबा रामदेव से यदि सच्चे मन से मनोकामना की जाती है तो वह जरूर पूरी होती है। बाबा रामदेव के प्रति लोगों की श्रद्धा भावना है। हुब्बल्ली में भी बाबा रामदेव को लेकर लोगों में बहुत अधिक आस्था बनी हुई है।
हर जगह बन रहे मंदिर
सोजतसिटी निवासी प्रमोद दवे ने कहा, समय के साथ बाबा रामदेव के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है। विभिन्न जगहों पर बाबा रामदेव के मंदिर बनने लगे हैं। राजस्थान के लोगों के दक्षिण में आने के बाद भी बाबा के प्रति उनकी श्रद्धा आज भी झलकती है।
पक्षियों को चुग्गा
बाली निवासी रामलाल चौधरी ने कहा, हुब्बल्ली के रामदेव मंदिर परिसर में छत पर पक्षियों को रोजाना चुग्गा डाला जाता है। यहां रोजाना सैकड़ों पक्षी दाना चुगते हंै। यह कार्य बाबा के भक्तों के सहयोग से लगातार पिछले लम्बे समय से किया जा रहा है।

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