हुबली

एक शाम बाबा रामदेव के नाम भजन संध्या में दी बेहतरीन प्रस्तुति, किया रामदेव की महिमा का बखान

राजस्थान के कलाकारों ने रंग जमाया, श्रोता भी नाचने पर हुए मजबूर

हुबलीSep 14, 2024 / 07:16 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

हुब्बल्ली के गब्बुर सर्किल के पास स्थित जैन दादावाड़ी परिसर में आयोजित भजन संध्या में प्रस्तुति देते कलाकार।

श्री बाबा रामदेव मरुधर सेवा संघ के तत्वावधान में आयोजित एक शाम बाबा रामदेव के नाम भजन संध्या ने समा बांध दिया। हुब्बल्ली (कर्नाटक) के गब्बुर सर्किल के पास स्थित जैन दादावाड़ी परिसर में आयोजित भजन संध्या में राजस्थान के दिनेश राणा, लालाभाई गहलोत, पिंकी भाट एवं अन्य कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। भजन गायकों ने बाबा रामदेव की महिमा का बखान किया। भजन संध्या में भजन गायकों ने बाबा की स्तुति में एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। बाबा रामदेव के मधुर भजनों की प्रस्तुति पर श्रोता झूमने पर मजबूर हो गए। इस अवसर पर नृत्य कलाकारों ने भी अपने प्रदर्शन से लोगों का मन मोह लिया। भजन संध्या में बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।
हर साल जागरण
बाबा रामदेव का हर साल जागरण का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राजस्थान से आने वाली भजन मंडलियों भजनों की प्रस्तुति देती है। बाबा रामदेव महाराज राजस्थान के एक प्रसिद्ध लोक देवता हैं। प्रवासियों की उनके प्रति अटूट श्रद्धा है। पिछले कई वर्षों से हर साल भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भक्तगण शामिल होते हैं। बाबा रामदेव की तस्वीर के समक्ष आरती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर भजन गायकों के भजनों पर श्रोताओं ने भी पूरा साथ दिया।
कृष्ण का अवतार मानते हैं रामदेव को
भादपद्र शुक्ल पक्ष की बीज को रुणिचा के पूर्व शासक अजमल के घर पर कृष्ण के अवतार के रूप में लोक देवता बाबा रामदेव का जन्म हुआ था। बताते हैं तोमर वंशीय राजपूत अजमल की पत्नी का नाम मीणा देवी तथा बाबा रामदेव से बड़े पुत्र वीरमदेव थे। राजस्थान के जैसलमेर जिले के पोकरण के पास स्थित बाबा रामदेव का यह धाम ग्राम रुणिचा सहित समूचे देश में प्रसिद्ध है। अजमल पोकरण के राजा थे। रामदेव बाबा ने छुआछूत भेदभाव को मिटाते हुए सांप्रदायिक एकता के लिए इस लोक में कार्य किया। उन्हें कृष्ण के अवतार के रूप में माना जाता है।
भक्तों की अपार आस्था
रामदेव मरुधर सेवा संघ हुब्बल्ली के अध्यक्ष उदाराम प्रजापत ने बताया कि हुब्बल्ली में बाबा रामदेव मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद से बाबा के प्रति भक्तों की आस्था और अधिक गहरी हुई है। साथ ही समय-समय पर प्रमुख अवसरों पर विशेष आयोजन होते हैं। हुब्बल्ली में बाबा रामसा पीर के मंदिर में रोजाना पूजा-पाठ एवं आरती का आयोजन किया जाता है। बाबा रामसा पीर के प्रति भक्तों की अपार आस्था है। सभी जाति-वर्ग के लोगों का जुड़ाव बना हुआ है।

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