23 हजार बढ़ी भारतीय कामगारों की संख्या
सम्मेलन के दौरान, जर्मन चांसलर ने जोर देते हुए कहा, हालांकि जर्मनी अनियमित प्रवासियों को कम कर रहा है, लेकिन जर्मनी के दरवाजे कुशल श्रमिकों के लिए खुले हुए हैं। पिछले वर्ष ही जर्मनी में काम करने वाले भारतीयों की संख्या में 23,000 की वृद्धि हुई। शॉल्त्स ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा, हम उन लोगों के लिए प्रवासन की दर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें ‘कुशल’ कार्यबल नहीं माना जाता।
5 सालों में जर्मनी निवेश 54 अरब डॉलर करने की तैयारी
संभावना है कि इस साल का आइजीसी भारत-जर्मनी के संबंधों में नया अध्याय शुरू कर सकता है। पिछले ही हफ्ते जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया पेपर के जरिए भारत के साथ बहुआयामी संबंधों की एक विस्तृत रूपरेखा पेश की थी। दरअसल, जर्मनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है। जर्मनी को उम्मीद है कि भारत के बड़े बाजार में पहुंच से जर्मनी की चीन पर निर्भरता कम होगी। जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स डीआइएचके के विदेशी व्यापार प्रमुख वोल्कर ट्रायर ने कहा कि 2022 में भारत में जर्मन प्रत्यक्ष निवेश लगभग 25 अरब यूरो (27 अरब डॉलर) था, जो चीन में निवेश के लगभग 20 फीसदी के बराबर है। उनका मानना है कि यह हिस्सेदारी दशक के अंत तक 40 फीसदी तक पहुंच सकती है। गौरतलब है कि, भारत और जर्मनी समेत अन्य देशों के करीब 650 बड़े कारोबारी और सीईओ आईजीसी में हिस्सा ले रहे हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन का हब बन रहा भारत, जर्मनी भी शामिल- शॉल्त्स
भारत और जर्मनी ने ग्रीन हाइड्रोजन के लिए भी रोडमैप बनाया है। जर्मन चांसलर ने इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जर्मनी की मंशा को रेखांकित करते हुए कहा, भारत ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र बनने जा रहा है और हम इसका हिस्सा बनना चाहते हैं।
भारत जैसे मित्र और सहयोगियों की जरूरत
चांसलर शॉल्त्स ने प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी से मुलाकात की। मोदी के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए शॉल्त्स ने हिन्दी में लिखा, इस दुनिया में, हमें मित्रों और सहयोगियों की आवश्यकता है- जैसे भारत और जर्मनी हैं! प्रिय नरेंद्र मोदी जी, नई दिल्ली में स्नेहपूर्वक स्वागत के लिए दिल से धन्यवाद! प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक्स पर लिखा, स्वागत है मेरे मित्र, चांसलर शॉल्त्स, नई दिल्ली में मेरे आवास पर।
सेना को एक दूसरे के करीब लाने पर सहमति
जर्मन चांसलर ने रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हम रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को और गहरा करना चाहते हैं और अपनी सेनाओं को एक दूसरे के करीब लाने पर सहमत हैं।