जितेंद्रानंद सरस्वती ने क्या कहा ?
नगीना सांसद चंद्रशेखर के महाकुंभ पर दिए बयान पर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि कम से कम चंद्रशेखर ने यह तो स्वीकार किया कि गंगा में डुबकी लगाने से हमारे पाप धुल जाते हैं। वरना उनके एजेंट तो इसे भी नहीं मानते थे। वह अपने कुकर्मों को पाप नहीं मानते। जो लोग हिंदू धर्म पर अपशब्द बोलते रहे हैं, उनके सवालों का कोई मतलब नहीं। जिन लोगों के पास खुशियां मनाने का कोई अवसर नहीं होता, वे उन लोगों से जलते हैं जो खुशी मनाते हैं।
जगद्गुरु शंकराचार्य ने क्या कहा ?
महाकुंभ 2025 पर आजाद समाज पार्टी-कांशीराम सांसद चंद्र शेखर आजाद के बयान पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि तो उनका मतलब है कि महाकुंभ में वही लोग आते हैं जो पापी हैं? क्या वह महाकुंभ में आए हैं? हम यहां आए हैं। हमारे विश्वास के कारण और हम बहुत खुश हैं। इससे किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
आखिर चंद्रशेखर ने क्या कहा ?
उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को कुंभ मेले पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब हम सरकार से रोजगार, बुनियादी सुविधाओं, मकान, रोटी और कपड़े के मुद्दों पर सवाल करते हैं, तो उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं होता। लेकिन कुंभ मेले की बात आते ही छह महीने में रेत पर एक पूरा शहर बसा दिया जाता है।” अगर पाप किया तो कुंभ जाकर धो ले
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा, “अगर किसी ने पाप किए हों, तो वे कुंभ में जाकर उन्हें धो सकते हैं। लेकिन क्या कोई यह बताता है कि उसने पाप किए हैं? हमारा उद्देश्य इस देश में उन लोगों के लिए रोटी, कपड़ा और बुनियादी सुविधाओं की लड़ाई लड़ना है, जिन्हें सदियों तक जाति, धर्म और संप्रदाय के नाम पर अपमानित किया गया है।” उनके इस बयान ने कुंभ मेले की परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं को लेकर बहस छेड़ दी है, जिससे विवाद और गहरा गया है।
‘