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Lucknow Posters War: सपा ने भाजपा सरकार के खिलाफ लगाया पोस्टर, पढ़ाई और धर्म के नाम पर राजनीति का आरोप

Lucknow Posters War: लखनऊ में एक बार फिर पोस्टर वार का दौर शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता मो० इखलाख ने सपा कार्यालय के बाहर भाजपा सरकार के खिलाफ एक विवादास्पद पोस्टर लगाया। यह पोस्टर अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद सामने आया, जिसमें भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं।

लखनऊDec 12, 2024 / 07:42 pm

Ritesh Singh

 Lucknow Posters War:  उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वार का माहौल बन गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मो० इखलाख ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर एक पोस्टर लगाया है, जिसमें भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया गया है। यह पोस्टर खासतौर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद चर्चा का विषय बना है। पोस्टर में लिखा गया है, “ना बच्चे पढ़ने दो, ना आगे बढ़ने दो, सिर्फ धर्म के नाम पर लड़ने दो।”

पोस्टर वार की शुरुआत

यह पोस्टर सपा नेता मो० इखलाख ने सपा कार्यालय के बाहर लगाया। इस पोस्टर को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। दरअसल, अखिलेश यादव ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए लिखा था, “उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार की उपलब्धि का होर्डिंग उत्तर प्रदेश सरकार खुद लगाएगी या विपक्ष लगाए?” इस पोस्ट को लेकर उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए थे और इसकी आलोचना की थी।
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पोस्टर का संदर्भ

सपा नेता मो० इखलाख द्वारा लगाए गए पोस्टर में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें भाजपा पर शिक्षा के क्षेत्र में कोई प्रगति नहीं करने का आरोप है और यह कहा गया है कि भाजपा सरकार बच्चों को पढ़ाई से वंचित रख रही है। पोस्टर का संदेश यह था कि सरकार सिर्फ धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है, जबकि शिक्षा और विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पोस्टर में लिखा गया था, “ना बच्चे पढ़ने दो, ना आगे बढ़ने दो, सिर्फ धर्म के नाम पर लड़ने दो।” यह स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार के धर्म आधारित राजनीति पर कटाक्ष था, जिससे यह संदेश दिया जा रहा था कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा और समग्र विकास पर ध्यान देने के बजाय धर्म की राजनीति को बढ़ावा दिया है।

सपा और भाजपा के बीच वाद-विवाद

अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद भाजपा और सपा के बीच तीखी बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा नेता जहां इसे सपा का आरोप-प्रत्यारोप मान रहे हैं, वहीं सपा ने भाजपा की नीतियों को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। भाजपा पर यह आरोप लगाया गया है कि वह उत्तर प्रदेश में केवल धार्मिक मुद्दों को लेकर राजनीति कर रही है, जबकि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य विकासात्मक मुद्दे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
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अखिलेश यादव की सोशल मीडिया पोस्ट

अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीति में और ज्यादा गर्मी बढ़ा दी। उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट रूप से कहा था कि भाजपा सरकार ने चुनावी उपलब्धियों के नाम पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स और विज्ञापन लगाए हैं, लेकिन असल में सरकार का कामकाज पूरी तरह से विफल साबित हुआ है। उनका यह कहना था कि या तो राज्य सरकार खुद अपनी उपलब्धियों का प्रचार करेगी, या फिर विपक्ष को यह जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।

समाजवादी पार्टी का आरोप

समाजवादी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कोई सुधार नहीं कर पा रही है। राज्य के स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर यह भी आरोप लगाया कि उसकी सरकार ने धर्म के नाम पर समाज में भेदभाव बढ़ाने का काम किया है, जबकि सपा ने हमेशा शिक्षा, रोजगार और विकास के मुद्दों पर जोर दिया है।
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राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

उत्तर प्रदेश में सपा और भाजपा के बीच की राजनीति हमेशा ही तात्कालिक मुद्दों और आरोपों से भरी रही है। इस पोस्टर वार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले दिनों में सपा और भाजपा के बीच चुनावी माहौल में बढ़ती कटुता और आरोप-प्रत्यारोप की रणनीति देखने को मिल सकती है। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगे।

उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से भाजपा की सरकार है, और इस दौरान प्रदेश में कई सामाजिक, राजनीतिक और विकासात्मक मुद्दे उठे हैं। खासकर शिक्षा, बेरोजगारी, और सरकारी नीतियों को लेकर विपक्षी दलों ने अक्सर भाजपा को घेरा है। सपा ने हमेशा ही भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा ने सपा को राजनीतिक षड्यंत्र और विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बताते हुए उनके आरोपों का विरोध किया है। सपा ने भाजपा की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केवल धार्मिक मुद्दों पर राजनीति करती है और असल मुद्दों की अनदेखी करती है। यह पोस्टर वार इस बात का प्रमाण है कि सपा भाजपा के खिलाफ अपनी आलोचना को और तीव्र कर रही है।
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आगे की राजनीति

आने वाले दिनों में सपा और भाजपा के बीच यह विवाद और तेज होने की संभावना है। चुनावी मौसम में दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ त्वरित और प्रभावी तरीके से अपने मुद्दों को उजागर करेंगे। इस पोस्टर वार ने स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा और भाजपा के बीच की जंग अब और तीव्र होने वाली है।

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