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अलवर में चार दिनों से पैंथर की दहशत: ट्रैप के लिए लगाया पिंजरा घुसने से पहले ही हुआ बंद, वन विभाग के हाथ खाली

पैंथर पिंजरे में कैद नहीं हो पाया। पिंजरा उसके घुसने से पहले ही बंद हो गया। जाल बंद होते ही पैंथर भाग गया। वन विभाग के हाथ खाली रहे।

अलवरDec 04, 2024 / 07:19 pm

Suman Saurabh

Panther movement in Alwar even on the fourth day

पैंथर के मिले पगमार्क

अलवर के आरआर कॉलेज परिसर में चौथे दिन भी पैंथर का मूवमेंट हुआ, लेकिन वन विभाग के हाथ खाली रहे। पैंथर पिंजरे में कैद नहीं हो पाया। पिंजरा उसके घुसने से पहले ही बंद हो गया। इसी के साथ मेमना की जान भी बच गई। कई कॉलोनियों के लोगों में फैली दहशत को देखते हुए विभाग ने एक अतिरिक्त पिंजरे लगाया है। पहले पिंजरे में मेमना को बचाने के लिए एक और जाल लगा दिया ताकि मेमना को देखकर पैंथर पिंजरे में घुसे और खुद जाल में फंस जाए। दूसरे पिंजरे में मुर्गा बांधा गया है।

जंगल की ओर रुख नहीं कर रहा पैंथर

सीसीटीवी की संख्या तीन से बढ़ाकर 7 कर दी है। कुल मिलाकर पैंथर की आवक से आसपास की चार कॉलोनियों के लोगों में डर का माहौल है। उन्होंने सुबह-शाम टहलना बंद कर दिया है। आरआर कॉलेज परिसर के आसपास जंगली झाड़ियां हैं, जहां पैंथर के होने की संभावनाएं हैं। झाड़ियों की लंबाई भी 5 फीट से ज्यादा है। पैंथर जंगल की ओर रुख नहीं कर रहा है। यहीं आसपास दिन में आराम कर रहा है और रात को परिसर में निकलता है।
तीन दिन पहले आरआर कॉलेज परिसर में पैंथर के पगमार्क मिले थे। इसके बाद वन विभाग ने पिंजरा लगाया और मेमना भी बांधा। सोमवार की रात उसी मार्ग से पैंथर निकला। मेमना को देखकर रुका और शिकार के लिए आगे मुंह बढ़ाया। पिंजरे को मुंह व पैर लगाया तो पिंजरे का जाल बंद हो गया। जाल बंद होते ही पैंथर भाग गया। वन विभाग का कहना है कि पैंथर भूख होने पर ही मेमना का शिकार करेगा। जैसे ही पिंजरे में अंदर प्रवेश करेगा तो वह बंद हो जाएगा।

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