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कोरोना भी नहीं रोक सका सिंगापुर की रफ्तार, जानें क्यों नहीं हुआ लॉकडाउन

कोरोना वायरस जितनी तेजी से दुनिया के बाकी हिस्सों में फैला उस लिहाज से कोरोनॉयरस की संक्रमण दर सिंगापुर में बहुत धीमी है।

Mar 24, 2020 / 12:50 pm

Piyush Jayjan

Singapore

नई दिल्ली। एक ओर जहां कोरो नावायरस ( coronavirus ) दुनियाभर के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। वहीं इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए सिंगापुर द्वारा किए जा रहे प्रयास को पूरी दुनिया के एक मिसाल के रूप में देख सकती है।

सिंगापुर में इस सप्ताह के शुरू होने तक कोरोना के कुल 266 मामले सामने आए थे। जिनमें एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। कोरोना के संक्रमण के फैलने की दर सिंगापुर मे दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में बहुत धीमी है। इसलिए सिंगापुर को दुनियाभर में सराहा जा रहा है।

इस मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए सिंगापुर को यह सीख मिली थी 2002-03 के सार्स प्रकोप के दौरान हुए अनुभव से। आपको बता दें कि साल 2003 के अनुभव से पहले इस शहर का बुनियादी ढांचा यानी महामारी के प्रकोप को झेलने के लिए तैयार नहीं था।

इसलिए इसके बाद के वर्षों के बाद आइसोलेशन सेंटर वाले कई अस्पताल का निर्माण किया गया। इनके अलावा ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए कुछ खास कानून भी बनाए गए। फरवरी 2020 से ही सिंगापुर को यह पता था कि चीन में क्या चल रहा है?

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इस लिहाज से सिंगापुर ( Singapore ) यह बात भली-भांति जानता था कि कोरोना वायरस ( Coronavirus ) क्या और कितना विनाश फैला सकता है। वहीं दूसरे देशों ने इसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया जितना लिया जाना चाहिए था और उसकी का खामियाजा दुनिया के तमाम देश भुगत रहे है।

सिंगापुर ( Singapore ) का सबसे बड़ा सकारात्मक कदम यह था कि रोगियों को अस्पताल तक सीमित रखा गया। वहीं चीन ऐसा करने में नाकामयाब रहा। जबकि सिंगापुर में उन लोगों को आबादी से दूर रखा गया जिनमें इस बीमारी के लक्षण दिखाई दिए।

इस बीमारी के दौरान सबसे अहम है यह कि आप पूरी तरह से सेल्फ़ आइसोलेशन के नियमों का पालन कर रहे हैं या नही? क्या आपका बुनियादी ढांचा इतना मजबूत है कि नियमित रूप से मरीजों की जांच की जा सकें। सिंगापुर में कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए अलग टीम बनाई गई हैं, जो किसी भी संक्रमित व्यक्ति में आए सभी संपर्कों की पहचान करती हैं और उन्हें सचेत करती हैं।

सरकार ने होम क्वॉरंटीन के लिए भी सख्त नियम बनाए है। इसके साथ ही सरकार के पास ऐसा तंत्र भी है की इसके प्रतिनिधि अगर कोई नियमों का उल्लघंन करता है तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यहां लोगों को हिदायतें दी गई है कि आप घर में रहे और आपको बाहर जाना है, तो मास्क अवश्य पहनें।

इस पूरी प्रक्रिया में लोगों का अहम योगदान रहा जो कि बेहद जरूरी है, यहां कि सरकार में लोगों का पहले से ही बहुत विश्वास है, जिससे सरकार के काम आसान हो जाता है और उनके द्वारा उठाए गए जरूरी कदम सबके लिए फायदेमंद साबित होते है। दुनियाभर में अगर इसी तरह के कदम उठाए जाए तो यह काफी कारगर साबित होंगे।

 

 

 

 

 

 

 

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