बारातियों को तोहफे में दिया हेलमेट तो वर पक्ष महज सवा रुपए में ले गए दुल्हन गांधी के हत्यारे की अस्थियां (ashes) पुणे के शिवाजी नगर में स्थित एक इमारत में सुरक्षित रखी हुई हैं। यहां अस्थ्यिों के अलावा गोडसे के कुछ कपड़े और हाथ से लिखे नोट्स भी रखे हुए हैं। नाथूराम गोडसे के परिजनों की ओर से दिए गए एक इंटरव्यू के तहत फांसी के बाद गोडसे का शव उन्हें नहीं दिया गया था। सरकार ने खुद घग्घर नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद उनकी अस्थियों को एक डिब्बे में भरकर उन्हें दिया गया था।
गोडसे की भतीजी हिमानी सावरकर ने एक इंटरव्यू के बताया था कि नाथूराम गोडसे की अस्थियों को नदी में प्रवाहित न करने के पीछे गोडसे की अंतिम इच्छा (last wish) रही है। दरअसल मरने से पहले उन्होंने कहा था कि उनकी अस्थियों को तब तक संभाल कर रखा जाए और जब तक कि सिंधु नदी स्वतंत्र भारत में समाहित न हो जाए। इसके बाद ही उनकी अस्थियों को सिंधु नदी में प्रवाहित किया जाए। उनके इस सपने के सच होने की आस में ही परिवार ने उनकी अस्थियों को संभालकर रखा है।