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कहां से आया ये सेकुलर शब्द?
दरअसल, सेकुलर शब्द लेटिन भाषा के saeculum से बना है। जिसका अर्थ होता है ‘किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ रहने वाला’। सरल भाषा में समझे तो सेकुलर का मतलब होता है कि किसी भी धर्म विशेष के लिए झुकाव या रंजिश नहीं रखना। वहीं लेटिन में इसका मतलब सार्थक जीवन से है। क्रिश्चियन धर्म में इसे ईश्वर से जोड़ा जाता है। ऐसे में सेकुलर आप रिलीजियसली-न्यूट्रल भी समझ सकते हैं।
हमेशा विवादों में रहा है सेक्युलर शब्द
सेक्युलर शब्द को लेकर भारतीय राजनीति में हमेशा विवाद रहा है। भारत के संविधान की प्रस्तावना जब तैयार की गई तो शुरुआत में इसमें सेक्युलर शब्द नहीं था। लेकिन साल 1976 में इमरजेंसी के दौरान प्रस्तावना में संशोधन किया गया, जिसमें ‘सेक्युलर’ शब्द को शामिल किया गया।
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वाजपेयी सरकार पर लगे सेक्युलर शब्द को हटाने के आरोप
बता दें कि वाजपेयी सरकार ने साल 1998 में संविधान की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई थी। उस दौरान इसका जमकर सका विरोध भी हुआ था। विपक्ष का कहना था कि सरकार संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है साथ ही सेकुलरिज्म को खत्म करने की योजना बना रही है। हालांकि सेक्युलर शब्द संविधान की मूल प्रस्तावना में होने के कारण इससे छेड़छाड़ नहीं किया।
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अंबेडकर ने भी जताया था एतराज
इतना ही नहीं जब देश में संविधान तैयार हो रहा था, तब भी इस शब्द को लेकर बहस हुई थी। अधिकतर नेता सेक्युलर स शब्द को जोड़े जाने के खिलाफ थे। संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर भी इस शब्द से नाखुश थे। जिसके बाद संविधान निर्माण के समय सेकुलर शब्द गायब कर दिया गया।