दुनियाभर में कई तरह की प्रजातियों के मच्छर पाए जाते हैं, कुछ मच्छरों को काटने से कई गंभीर या यूं कहें जानलेवा बीमारियां भी हो जाती हैं। जबकि कुछ मच्छरों के काटने से शरीर चकत्ते आदि जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यानी इंसान के लिहाज से देखा जाए तो मच्छर उसके लिए सिर्फ परेशानी ही खड़ी करते हैं।
3500 मच्छरों की प्रजातियां
मच्छर कीड़ों की ही एक बड़ी प्रजाति को कहा जाता है। इन्हें फ्लाय यानी उड़ने वाले कीड़ों की श्रेणी में रखा जाता है। मच्छरों के सिर्फ 2 पंख होते हैं।
यह भी पढ़ें – ऐसा मुस्लिम देश, जहां नोट पर बनी है भगवान गणेश की तस्वीर दूसरे प्राणी का खून चूसकर पनपने वाले मच्छर आते हैं।मच्छरों की करीब 3500 प्रजातियां दुनिया में पाई जाती हैं। हालांकि सभी प्रजातियां एक-दूसरे से अलग होती है।
कुछ रात के वक्त ज्यादा एक्टिव रहते हैं, वहीं कुछ दिन के वक्त, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती है क्योंकि उसी के जरिए वो अंडे दे सकती है।
मच्छर कीड़ों की ही एक बड़ी प्रजाति को कहा जाता है। इन्हें फ्लाय यानी उड़ने वाले कीड़ों की श्रेणी में रखा जाता है। मच्छरों के सिर्फ 2 पंख होते हैं।
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गायब हो जाएं मच्छर तो क्या होगा?
इन सब बातों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इंसानों के परेशान करने वाले ये मच्छर ही दुनिया से गायब हो जाएं तो क्या होगा? दरअसल मच्छरों की कुछ ही प्रजाति खतरनाक होती हैं।
ऐसे में अगर ये प्रजातियां गायब होती हैं तो इंसान स्वस्थ जीवन बिता सकता है लेकिन अगर बात करें सभी मच्छरों के गायब होने की तो उससे पर्यावरण और इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ सकता है।
इन सब बातों के बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर इंसानों के परेशान करने वाले ये मच्छर ही दुनिया से गायब हो जाएं तो क्या होगा? दरअसल मच्छरों की कुछ ही प्रजाति खतरनाक होती हैं।
ऐसे में अगर ये प्रजातियां गायब होती हैं तो इंसान स्वस्थ जीवन बिता सकता है लेकिन अगर बात करें सभी मच्छरों के गायब होने की तो उससे पर्यावरण और इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ सकता है।
ऐसे बिगड़ेगा संतुलन
दरअसल कई जीव ऐसे होते हैं जो इन मच्छरों को खाकर अपनी जीवनयापन करते हैं। इनमें मेंढक, ड्रैगन फ्लाय, चींटी, मकड़ी, छिपकलियां, चमगादड़ प्रमुख रूप से शामिल हैं। अगर मच्छर गायब हो जाएं तो कई जीवों के पास खाने के लिए काफी कम खाना बचेगा, जिससे उनका अस्तित्व खत्म हो सकता है।
खत्म हो जाएगा परागण
मच्छरों के ना होने से परागण खत्म हो जाएगा। परागण की प्रक्रिया के तहत मच्छर पौधों के पराग लेकर अलग-अलग जगह गिराते चलते हैं, जिससे नए पौधे अलग जगहों पर उगते हैं।
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दरअसल कई जीव ऐसे होते हैं जो इन मच्छरों को खाकर अपनी जीवनयापन करते हैं। इनमें मेंढक, ड्रैगन फ्लाय, चींटी, मकड़ी, छिपकलियां, चमगादड़ प्रमुख रूप से शामिल हैं। अगर मच्छर गायब हो जाएं तो कई जीवों के पास खाने के लिए काफी कम खाना बचेगा, जिससे उनका अस्तित्व खत्म हो सकता है।
खत्म हो जाएगा परागण
मच्छरों के ना होने से परागण खत्म हो जाएगा। परागण की प्रक्रिया के तहत मच्छर पौधों के पराग लेकर अलग-अलग जगह गिराते चलते हैं, जिससे नए पौधे अलग जगहों पर उगते हैं।
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