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फांसी पर लटकाने के बाद अपराधी की डेड बॉडी के साथ होता है क्या सलूक, जानें सब कुछ यहां

अक्सर आपने सुना होगा कि फांसी के लिए सुबह का वक्त ही चुना जाता है। सूर्योदय के वक्त फांसी देने के पीछे की एक वजह यह है कि ताकि इसके बाद शव से जुड़ी तमाम प्रक्रिया को बचे हुए दिन में निपटाया जा सकें।

Mar 20, 2020 / 10:47 am

Piyush Jayjan

punishment hang till death

नई दिल्ली। आख़िरकार 7 साल के लम्बे इंतजार के बाद निर्भया ( Nirbhaya Gang Rape Case ) को इंसाफ नसीब हो ही गया। इसमें कोई दोराय नहीं कि लड़ाई लम्बी थी लेकिन अंत में फैसला निर्भया के पक्ष में आया। निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चारों गुनाहगारों को 20 मार्च की सुबह यानी आज फांसी पर लटका दिया गया।

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सुबह साढ़े पांच बजे चारों आरोपियों, पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और मुकेश सिंह को फांसी पर चढ़ा दिया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में अपराधियों को फांसी देने के बाद उसकी डेड बॉडी के साथ क्या सलूक किया जाता है? दरअसल फांसी देने से पहले और बाद में कई चीजों का ध्यान रखा जाता है।

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आज हम आपको बता रहे है उसी प्रक्रिया के बारे में-

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