यहां के आदिवासी इलाके के लोगों का ऐसा मानना है कि अगर कोई लड़का या लड़की रंग की होली खेलता है अथवा इनमें से कोई भी एक-दूसरे पर रंग डालता है तो उन्हें पुरानी परंपरा का पालन करते हुए आपस में शादी करना अनिवार्य हो जाता है। यहां रंग नहीं खेलने की मुख्य वजह यही है। यहां के आदिवासी समुदाय में यह रिवाज वर्षों से चला आ रहा है।
हालांकि यहां होली पर जम कर मस्ती होती है होली का त्योहार जब पूरे शबाब पर होता है तो लोग ढोल-नगाड़ों के साथ जमकर नाचते-गाते हैं इनके साथ लड़के-लड़की भी होते हैं, लेकिन ये एक दूसरे पर रंग की बजाय पानी डालते हैं। यहां के आदिवासी होली से कुछ दिन पहले ही होली खेलना शुरू कर देते हैं। यहां दिन में भर नहीं बल्कि रात में भी एक-दूसरे पर पानी डालकर होली खेलते हैं। होली पर ये आदिवासी अपनी पारंपरिक ड्रेस पहनते हैं। यहां के आदिवासी महिला-पुरुष होली की खुशी में सराबोर नजर आते हैं।