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उत्तराखंड में मिला मांसाहारी पौधा, मच्छ और कीड़े खाकर रहता है जिंदा

उत्तराखंड के पहाड़ न जाने कितनी जड़ी-बूटियों का खजाना है। कहा जाता है कि, इन पहाड़ों पर छिपी जड़ी बूटियों में हर रोग का इलाज भी है। हालांकि यहां कई ऐसे पौधे भी पाए जाते हैं जिनके बारे में आपने कभी सुना भी नहीं होगा। ऐसा ही एक पौधा है जो मांसाहारी है।

Jun 27, 2022 / 04:59 pm

धीरज शर्मा

Uttarakhand Forest Department Discovers Rare Carnivorous Plant

आमतौपर पौधे पानी-हवा और धूप खाकर जिंदा रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि कोई पौधा भी मांसाहारी हो सकता है। भले सुनने पर एक बार में यकीन ना आए लेकिन ये हकीकत है। उत्तराखंड के जंगल हजारों अनजान और अजीबो-गरीब पौधों का घर हैं। हाल ही में यहां पर एक अत्यधिक दुर्लभ मांसाहारी पौधा मिला है। इस पौधे का नाम है अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा। इसे चमोली जिले के मंडल घाटी में खोजा गया है। इस पौधे को वन विभाग ने खौजा है और उनका कहना है कि ये अपनी तरह का दुलर्भ पौधा है जिसे धूप, पानी और हवा के अलावा जिंदा रहने के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहना पड़ता है।
उत्तराखंड के विन विभाग की मानें तो पहाड़ों पर कई ऐसे अजीब पौधे हैं जिनके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं। इस बीच अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा को ढूंढना भी काफी मुश्किल काम था।

पूरे पश्चिमी हिमालय में पहली दिखा ऐसा पौधा
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस मासांहारी पौधे को स्थानीय और सामान्य भाषा में ब्लैडरवॉर्ट्स कहते हैं। खास बात यह है कि, यह पौधा सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में यह पहली बार देखने को मिला है।

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ये है ‘ब्लैडरवॉर्ट्स’ की खुराक
आमतौर पर पौधे पानी, हवा और धूप से अपना जीवन यापन करते हैं। कुछ पौधों को खाद भी दी जाती है, लेकिन ब्लैडरवॉर्ट्स की खुराक इन सबसे अलग है। ये जीने के लिए दूसरे जीव खाता है। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो यह पौधा मच्छरों और कई अन्य प्रकार के छोटे कीड़ों को खा जाता है।

इसकी शारीरिक सरंचना अन्य पौधों से अलग होती है। ये प्रोटोजोआ, कीड़े, लार्वा, मच्छर यहां तक नए टैडपोल्स (मेंढक के बच्चे) को खा जाता है।
कहां मिलता है ये पौधा?
आमतौर पर यह ऐसी जगहों पर उगता है, जहां पर मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम होती है। इसलिए यह कीड़े-मकौड़े खाता है।

इस पौधे का सबसे बड़ा फायदा
इस पौधे के मेडिसिनल फायदे बहुत हैं। मांसाहारी पौधों की डिमांड मेडिकल फील्ड में लगातार बढ़ती जा रही है।
दरअसल ये पौधा वैक्यूम क्रिएट करके निगेटिव प्रेशर पैदा कर देता है। ऐसे में इसके आस-पास के इस पर बैठे कीड़ें इसके अंदर फंसकर खत्म हो जाते हैं।

कहां मिलता है ये पौधा?
अट्रीकुलेरिया फर्सेलाटा या फिर ब्लैडरवॉर्ट्स गीली मिट्टी और साफ पानी के आसपास मिलता है। उत्तराखंड के वन विभाग की ये खोज ‘द जर्नल ऑफ जापानीज बॉटनी’ भी प्रकाशित हुई है।

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