फ्लाइट में Wi-Fi Onboard सर्विस के जरिए लैपटॉप ( Laptop ), स्मार्टफोन ( Smartphone ), टेबलेट ( Tablet ), स्मार्टवॉच, ई-रीडर और POS डिवाइस आदि को इंटरनेट से कनेक्ट किया जा सकेगा। इस फीचर के इनेबल होने के बाद पैसेंजर्स फ्लाइट मोड में भी इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे।
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सरकार ने इसके साथ कुछ शर्ते भी रखी है। इन शर्तानुसार वाई-फाई यूज करते वक्त पैसेंजर्स ( Passengers ) को अपने डिवाइस या गैजेट्स को फ्लाइट मोड पर रखना पड़ेगा। इसके लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन एयरक्राफ्ट को प्रमाणित करेंगे।
Wi-Fi के लिए चुकानी होगी मोटी रकम
हवाई जहाज में इंटरनेट यूज करने की परमिशन मिलने पर भले ही पैसेंजर्स खुश हो, लेकिन यह इंटरनेट काफी महंगा होगा। जब तक एयरलाइन्स और टेलिकॉम सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनियों के बीच समझौते नहीं हो जाते, तब तक वाई फाई के लिए कितना पैसा चुकाना होगा ये कह पाना भी थोड़ा मुश्किल है।
लेकिन एक अनुमान के मुताबिक इतना तो तय है कि हवाई सफर के दौरान कॉल ( Call ) और इंटरनेट ( Internet ) खासा महंगा होने वाला है। इसका अंदाजा हम इस आधार पर लगा सकते है क्योंकि अभी तक दूसरे देशों में इन-फ्लाइट वाई-फाई सस्ता नहीं है।
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दुनिया की सबसे फेमस एयरलाइंस में से एक सिंगापुर एयरलाइन्स ( Singapore Airlines ) अपने फर्स्ट और बिजनेस क्लास के कस्टमर को 100 एमबी तक का डेटा मुहैया कराती है। वहीं इकॉनमी क्लास के लिए 5 डॉलर (करीब 335 रुपये) से इंटरनेट पैक शुरू होता है।
एमिरेट्स एयरलाइन्स ( Emirates Airlines ) पैसेंजर्स को 20 एमबी फ्री इंटरनेट सुविधा देती है जो कि काफी कम है। एयरलाइंस 150 एमबी के लिए 9.99 डॉलर ( लगभग 666 रुपये ) और 500 एमबी डेटा के लिए 15.99 डॉलर ( लगभग 1067 रुपये ) वसूल रही है। जो कि भारतीय पैसेंजर्स के हिसाब से काफी महंगा सौदा है।