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अनोखी परंपरा! यहां कुत्तों की पूजा कर मनाई जाती है दिवाली

इस दिवाली को कुकुर तिहार कहा जाता है। कुकुर तिहार पर कुत्तों की पूजा की जाती है। इस दौरान लोग अलग-अलग जानवर जैसे गाय, कुत्ते, कौआ, बैल आदि की पूजा करते हैं।

Dec 31, 2020 / 12:59 pm

Shaitan Prajapat

unique diwali

नई दिल्ली। दुनियाभर में कई प्रकार के त्यौहार मनाने जाता है, इन सभी का अलग अलग तरीका होता है। अपने देश में कार्तिक माह में आने वाली अमास्या को दिवाली का त्यौहार मनाया है। अपने देश की दिवाली दुनियाभर में काफी मशहूर है। दिवाली के दिन लक्ष्मी देवी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लेकिन अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल में दिवाली अनोखे तरीके से मनाते है। यहां पर कुत्तों की पूजा की जाती है। इस त्यौहार को नेपाल के लोग तिहार कहते है।

कुकुर तिहार
अपने देश में जिस तरह दिवाली के पर्व को मनाया जाता है उसी प्रकार से नेपाल में भी यह त्यौहार मनाया जाता है। नेपाल में भी इस दिन दीए जलाते है। इतना ही नहीं नए पकड़े पहनते है और खुशियां बांटते है। इसके अगले दिन एक और दिवाली मनाई जाती है। इस दिवाली को कुकुर तिहार कहा जाता है।

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तिलक और माला पहनाकर करते है पूजा
कुकुर तिहार के दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। यह दिवाली यहीं खत्म नहीं होती, पांच दिन चलती है। इस दौरान लोग अलग-अलग जानवर जैसे गाय, कुत्ते, कौआ, बैल आदि की पूजा करते हैं। कुकुर तिहार पर कुत्तों को सम्मानित किया जाता है। उनकी पूजा की जाती है, तिलक लगाकर फूलों की माला पहनाई जाती है।

यम का संदेशवाहक होता है कुत्ता
स्थानीय लोगों को मानना है कि कुकुर तिहार में विश्वास करने वाले लोगों कुत्ते को यम देवता का संदेशवाहक मानते हैं। नेपाली लोग ऐसा भी मानते हैं कि कुत्ते मरने के बाद भी अपने मालिक की रक्षा करते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से नेपाल में कुत्तों की पूजा की जाती है। इस कुकुर तिहार के जरिए वो मृत्यों के देवता यमराज को खुश करते है।

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