इनमें से ज्यादार वो देश हैं जहां लॉकडाउन में छूट दी गई है। इन देशों में Pakistan का नंबर सबसे उपर हैं। यहां Lockdown Relaxation के बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगभग 27%इजाफा हुआ है। वहीं Bangladesh में 19% और India में 17% बढ़े हैं। Lockdown तक इन देशों में हालात उतने नहीं बिगड़े थे जितना Lockdown में मिले Relaxation के बाद बिगड़े हैं।
भारत में खतरा बरकरार
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन में महामारी से होने वाली मौतों की सबसे ज़्यादा संख्या पाकिस्तान और बांग्लादेश हैं। वहीं भारत में भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हालांकि देश के राहत की बात ये हैं कि यहां जितने एक्टिव केस हैं उससे ज्यादा लोग कोरोना से ठिक हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत नें 4.39% के राष्ट्रीय औसत से नए मामले सामने आ रहे हैं और महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात के हालात तो बिगड़ते ही जा रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां कोरोना वायरस का संक्रमण अब तक के अपने सबसे प्रचंड रफ्तार में है और यह रोजाना औसतन 51.1 लोगों को अपना शिकार बना रहा है। एक जून से 10 जून के बीच 511 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि जून माह के अंत और जुलाई में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी के साथ सामने आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ सकता है।
गुजरात की बात करें तो यहां 1 जून से गुजरात में रोज़ औसतन 419 नए केस और 27 मौतों का आंकड़ा रहा है जबकि मई के आखिरी हफ्ते में यह औसत 341 नए केस और 22 मौत प्रतिदिन का था।
राजस्थान में भी Lockdown में मिली छूट से हालात खराब हो रहे हैं। 1 जून से 10 जून के बीच राज्य में कुल 65 मौतें हुईं जबकि लॉकडाउन के चार चरणों में मौतों की संख्या क्रमश: 15, 56, 60, 63 रही थी।
भारत के अलावा America और दक्षिण एशिया में भी कोरोना संक्रमण चरम पर हैं। Lockdown में छूट देने के कारण ब्राज़ील, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका में भी हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। ब्राज़ील में मुश्किल हालात दिख रहे हैं। जॉन होपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़े कहते हैं कि ब्राज़ील में महामारी से मौतों की संख्या इटली के आंकड़ों को पार कर गई। अब यहां लॉकडाउन उठाने को लेकर चिंताजनक स्थिति बनी हुई है क्योंकि विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर लॉकडाउन हटा तो यहां हालात बेकाबू हो जाएंगे।
फिर से हो LOCKDOWN
संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हु WHO ने कहा है कि LMIC यानी कम और मध्यम आय वाले देशों में ऐसी कोई स्थिति नहीं थी कि लॉकडाउन खत्म कर दिया जाए। इन दशों को फिर से लॉकडाउन फिर लगाना ही होगा ताकि कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाया जा सके।क्यों बढ़ा संक्रमण?
लॉकडाउन में ढील से LMIC यानी कम और मध्यम आय वाले देशों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण यहां Soical Distening का पालन ना होना है। साथ हीं यहां बीमारी को लेकर जागरूकता की भी कमी है। कई इलाकों में तो कोरोना स्वास्थ्य सुविधाओं का पहुंचना भी असंभव है। भारत की बात करें तो यहां की आबादी का कुछ 5%भी टेस्ट नहीं हो पाया है। यहां अभी 3 लाख के करीब कोरोना केस हैं। जिसमें 1.5 लाख के करीब एक्टिव हैं। देश में टेस्टिंग बेहद कम होने से सही आंकड़े कितने हैं, कोई अंदाज़ा नहीं। आबादी में संक्रमण बड़े पैमाने पर है। लोग सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने जैसी सावधानियां नहीं बरत पा रहे हैं।