हैदराबाद रेप केस : लाश जली है या नहीं ये देखने दोबारा मौके पर पहुंचे थे आरोपी सूत्रों के मुताबिक निर्भया कांड (Nirbhaya Case) के दोषियों को एक महीने के अंदर फांसी हो सकती है। मगर जल्लाद की कमी है ऐसे में जेल प्रशासन इंतजाम को लेकर परेशान है। पिछली बार संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को तिहाड़ में फांसी देने के दौरान भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बताया जाता है कि अफजल की फांसी में जेल के ही एक कर्मचारी ने फंदा खींचने के लिए सहमति दे दी थी।
खबरों के अनुसार जल्लाद की कमी को देखते हुए अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर दूसरे जेलों से इस मामले पर बात की है। उत्तर प्रदेश के कुछ गांव में भी पूछताछ की जा रही है, जहां से कई पूर्व जल्लाद नियुक्त हुए थे। सूत्रों की मानें तो तिहाड़ जेल प्रशासन कांटैक्ट्र पर जल्लाद रखेंगे क्योंकि फांसी की सजा रेयरेस्ट ऑफ द रेयर अपराधों के लिए ही मुकर्रर है। ऐसी परिस्थिति में एक फुल टाइम जल्लाद की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।