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निर्भया के अपराधियों को फांसी देने के लिए नहीं है जल्लाद, तिहाड़ जेल की जानें हकीकत

Lack of Executioners : तिहाड़ जेल में जल्लादों की कमी बनी सिर दर्द, प्रशासन चिंतित
अफजल गुरु की फांसी के समय भी आई थी ऐसी परेशानी

Dec 03, 2019 / 11:51 am

Soma Roy

नई दिल्ली। हैदराबाद रेप केस से जहां पूरा देश आग बबूला है। वहीं निर्भया गैंगरेप के दोषियों को मिलने वाली फांसी की खबर आपको थोड़ी सुकून दे सकती है। चूंकि आरोपियों के पास अब बचने के लिए कानूनी उपाय बहुत कम रह गए हैं ऐसे में जल्द ही उनकी फांसी की डेट घोषित की जा सकती है। मगर मुसीबत यहां यह है कि आरोपियों को फांसी (Fansi Ki Saza) पर लटकाने की तिहाड़ जेल के पास कोई जल्लाद (Executioner) नहीं रह गया है।
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सूत्रों के मुताबिक निर्भया कांड (Nirbhaya Case) के दोषियों को एक महीने के अंदर फांसी हो सकती है। मगर जल्लाद की कमी है ऐसे में जेल प्रशासन इंतजाम को लेकर परेशान है। पिछली बार संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को तिहाड़ में फांसी देने के दौरान भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। बताया जाता है कि अफजल की फांसी में जेल के ही एक कर्मचारी ने फंदा खींचने के लिए सहमति दे दी थी।
खबरों के अनुसार जल्लाद की कमी को देखते हुए अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर दूसरे जेलों से इस मामले पर बात की है। उत्तर प्रदेश के कुछ गांव में भी पूछताछ की जा रही है, जहां से कई पूर्व जल्लाद नियुक्त हुए थे। सूत्रों की मानें तो तिहाड़ जेल प्रशासन कांटैक्ट्र पर जल्लाद रखेंगे क्योंकि फांसी की सजा रेयरेस्ट ऑफ द रेयर अपराधों के लिए ही मुकर्रर है। ऐसी परिस्थिति में एक फुल टाइम जल्लाद की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।

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