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इस बंदर ने 9 साल तक की रेलवे में सरकारी नौकरी, मिलती थी इतना तनख्वाह, जानिए कैसे लगी जॉब

एक लंगूर ने कई सालों तक आधिकारिक तौर पर रेलवे में नौकरी की। इसके लिए बाकयादा उसे सैलेरी भी मिलती थी। लंगूर ने रेलवे में 9 साल तक एक सिग्नल-मैन के तौर पर काम किया था।

Sep 14, 2022 / 01:05 pm

Shaitan Prajapat

amonkey got government job in railways

इंसान और जानवरों के बीच अनोखा संबंध रहा है। अपने काम के लिए सदियों से जानवर का इस्तेमाल करता आया है। आज भी कई जगह शारीरिक ताकत और मेहनत के लिए जानवर का उपयोग करते है। लेकिन क्या आपने किसी जानवर को सरकारी नौकरी करते हुए देखा है। आपका जवाब होगा बिल्कुल नहीं। लेकिन आज आपको एक लंगूर के बारे में बताने जा रहे है, जिसको रेलवे में नौकरी दी गई है। इसके बाद में उसको हर महीने सैलेरी भी दी जाती थी। लंगूर ने रेलवे में 9 साल तक एक सिग्नल-मैन के तौर पर काम किया। आइए जानते बंदर की दिलचस्प कहानी के बारे में।


साल 1870 के आसपास साउथ अफ्रीका के केप टाउन शहर के पास न्पजमदींहम नाम का रेलवे स्टेशन था। यहां जेम्स वाइड नाम का शख्स सिग्नल-मैन का काम करता था। लेकिन एक ट्रेन हादसे में उसने अपने दोनों पैर खो दिए। इसके बाद उसे काम करने में काफी परेशानियां होने लगी। उसने लकड़ी की नकली टांगे भी लगवाईं, लेकिन पहले की तरह ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। काम को लेकर जेम्स परेशान रहने लगा। एक दिन उसकी नजर कस्बे में गाड़ी हांक रहे एक लंगूर पर पड़ी। जेम्स लंगूर को उसके मालिक से खरीद ले आया।


जेम्स ने लंगूर का नाम जैक रखा, जो काफी होशियार और समझदार था। वह घर के सभी कामों में मदद करता। जेम्स उसे अपने साथ रेलवे स्टेशन भी ले जाने लगा। उसने जैक को सिग्नल चेंज करना सिखा दिया। पहले वह जेम्स के इशारे के अनुसार काम करता था, लेकिन बाद में उसने सिर्फ गाड़ी की सीटी की आवाज से ही सिग्नल चेंज करना शुरू कर दिया।

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लंगूर द्वारा रेलवे का सिग्नल चेंज करने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। रेलवे अधिकारियों को पता चला तो जेम्स को तुरंत ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद जेम्स की काफी मिन्नते बाद जैक की काबिलियत टेस्ट करने के लिए तैयार हो गए।

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रेलवे अधिकारियों के टेस्ट में जैक पास हो गया। इसके बाद जेम्स को वापस नौकरी मिल गई। जैक को भी आधिकारिक तौर पर रेलवे में बतौर सिग्नल-मैन काम दे दिया। उसे रोजगार नंबर भी दिया गया था। जैक रोजाना 20 सेंट और बीयर की आधी बोतल हर हफ्ते वेतन दिया जाता था। उसने 9 साल तक अपनी सेवा के दौरान न कभी कोई गलती की और न ही कभी छुट्टी ली। साल 1890 में जैक की टीबी की बीमारी के कारण मौत हो गई थी।

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