ऊंचे पेड़ों पर रहना पसंद
इस अनोखे पक्षी का नाम हरियल है। यह महाराष्ट्र का राजकीय पक्षी भी है। हरियल अपना पैर कभी भी धरती पर नहीं रखता है। यह ऊंचे-ऊंचे पेड़ वाले जंगल में रहना पसंद करता है। अपना घोंसला पीपल और बरगद के पेड़ पर बनाते हैं। हरियल पक्षी अकेले रहने की बजाय हमेशा झुंड में रहता है। यह मुख्यतः भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला पक्षी है। हरियल भारत के अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान, बर्मा, नेपाल, बांग्लादेश के अतिरिक्त कंबोडिया, चीन में भी है।
हरियल की खास विशेषताएं
इसका वैज्ञानिक नाम Treron Phoenicoptera है। हरियल का आकार 29 से 33 सेमी के बीच होता है। इसके पीले पैर होते है और दिखने में यह कबूतर जैसा लगता है। इसके वजन की बात करें तो 225 से 260 ग्राम का होता है। हरियल की गर्दन सुनहरे पीले रंग है। वे सोशल बर्ड कहलाते हैं और झुंड में रहना पसंद करते हैं। इनके प्रजनन का मौसम मार्च से जून के बीच होता है। ये पक्षी वृक्षवासी होते हैं और अक्सर पेड़ों पर ही रहना पसंद करते हैं।
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ये चीजें खाकर भरता है पेट
हरियल के आधार की बात करें तो पेड़ों के पत्ते, फल मुख्य है। यह फूलों की कलियां, छोटे पौधे के अंकुर, बीज, अनाज के दाने खाकर अपना पेट भरता है। इसको पीपल से लेकर बड़, गूलर, अंजीर के पेड़ों के पत्ते खाना पसंद है। इसके अलावा बेर, चिरौंजी जामुन के फल भी खाता है।
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ऐसे मिटाता है अपनी प्यास
इस पक्षी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि पानी की आवश्यकता पेड़ों के फल और पत्तियों पर जमी ओंस से पूरी करता है। इसकी आहार संबंधी समस्त आवश्यकतायें पेड़ों पर ही पूरी हो जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि हरियल स्वभाव से काफी शर्मीला होता है। यह इंसान को देखते ही चुप्पी साध लेता है।